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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी में चुनाव के मौके पर चल रहे घमासान को खत्म कर समझौते की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को 208 विधायकों के समर्थन का हलफनामा लिया और बाद में खुद ही सकारात्मक संकेत दिए। मुलायम सिंह यादव ने अपने दिल्ली स्थित निवास 16 अशोक रोड में अखिलेश विरोधी अमर सिंह, शिवपाल यादवऔर जया प्रदा के साथ घंटों बैठक की। बैठक में अखिलेश खेमे से साइकिल पर मचे दंगल में पटखनी देने को लेकर रणनीति बनी। माना जा रहा है कि मुलायम खेमे ने साइकिल को लेकर चुनाव आयोग में चल रहे विवाद को लेकर मशहूर वकील प्रशांत भूषण से कानूनी सलाह ली है। दोनों के बीच पहले भी सुलह की कोशिश कर चुके आजम खां एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सुबह पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की और विधायकों की बैठक में शामिल हुए। शाम को आजम खां ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। सीएम ने विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और सांसदों से समर्थन का हलफनामा लिया है। मुलायम के सुबह दिल्ली आने से माना जा रहा था कि वह चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे। मगर वह शाम तक लखनऊ वापस लौट गये। सूत्रों ने बताया है कि लखनऊ में अखिलेश के यहां विधायकों की बैठक पर भी मुलायम खेमे की नजर थी।

अखिलेश के समर्थन में 200 से ज्यादा विधायकों के समर्थन के बाद मुलायम खेमे को लग गया है कि साइकिल और पार्टी के नाम को लेकर उनका दावा कमजोर साबित हो रहा है। कई घंटों की बातचीत के बाद मुलायम सिंह, शिवपाल और अमर सिंह लखनऊ चले गये। दोनों नेता सुबह ही दिल्ली आये। माना जा रहा था कि ये नेता चुनाव आयोग जाएंगे। मगर कई घंटों की बातचीत के बाद ये चुनाव आयोग नहीं गए बल्कि वापस लखनऊ लौट गये। सूत्र बता रहे हैं कि सुलह की कोशिशों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दोनों ही पक्ष पीछे हटने को तैयार हैं। अखिलेश खेमा टिकटों को लेकर रियायत देने को तैयार है लेकिन रामगोपाल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की शिवपाल खेमे की मांग पर बात नहीं बन सकती। दबाव बढ़ने पर यह मांग छोड़ी भी जा सकती है। अखिलेश ने जनता के बीच जाने से पहले सपा के चुनाव सिंबल साइकिल के लिए गुरुवार को लखनऊ में दमखम दिखाते हुए 208 विधायकों का समर्थन जुटाया। उधर, मुलायम सिंह यादव दिल्ली में सक्रिय हैं और चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के लिए कानूनी जोड़तोड़ में जुटे हैं। इसी के साथ ही दोनों खेमे अब अलग-अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में दिख रहे हैं। चुनाव चिन्ह साइकिल हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश ने बैठक बुलाई। इसमें गुरुवार को शिवपाल खेमे के कई विधायक व एमएलसी भी शामिल हुए। मसलन विधायक कमाल युसुफ, गजाला लारी और लालू यादव के समधी और एमएलसी जितेंद्र यादव भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में व्यवस्था बनाने का काम एमएलसी व सीएम की यूथ टीम के सदस्य सुनील साजन, आनंद भदौरिया व उदयवीर सिंह के हाथ में रहा। सीएम आवास पर जनता दर्शन हाल में सभी विधायकों, एमएलसी को बिठाया गया और उन्हें हलफनामे का फार्म दिया गया। इस पर उन्हें दस्तखत करने थे। सीएम ने इससे पहले अलग से आजम खां व गायत्री प्रजापति से बातचीत की। उधर, मुलायम सिंह व उनके छोटे भाई शिवपाल यादव दोनों दिल्ली में सिंबल के लिए रणनीति बनाई। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से 9 जनवरी तक दावे के समर्थन में सारे साक्ष्य मांगे हैं। इसी के साथ ही अब दोनों खेमे अलग अलग चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। मुलायम के अशोक रोड के आवास पर शिवपाल,अमर सिंह, जयाप्रदा व कुछ और नेता शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इस खेमे का रुख नर्म है और सुलह के मूड में है। इससे पहले मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव गुरुवार सुबह अचानक दिल्ली चले गए। हलफनामे में जनप्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर कर कहा है कि वे अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हैं और पूरा विधानमंडल दल अखिलेश के साथ है। यह हलफनामा चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा।

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