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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी में जारी लड़ाई चुनाव आयोग पहुंच गई है। अखिलेश खेमे की ओर से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा के चुनाव आयोग पहुंचे। उन्होंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर अपनी दावेदारी पेश की। साथ ही उन्होंने रविवार को लखनऊ में रविवार को हुए अधिवेशन में लिए गए फैसलों से अवगत करवाया।चुनाव चिह्न साइकिल पर अपना दावा करने मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचे अखिलेश खेमे ने कहा कि उनके पास 90 फीसदी विधायकों का साथ है। वे सभी अखिलेश यादव का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में उनके नेतृत्व वाले धडे़ को ही सपा माना जाना चाहिए। चुनाव आयोग से मुलाकात करने बाद रामगोपाल यादव ने दिल्ली में इस बात की जानकारी दी।पार्टी में सुलह की कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं। मंगलवार को दिन में और फिर रात लखनऊ में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की बातचीत हुई जो बेनतीजा रही। इसमें कोई फॉर्मुला नहीं निकल सका। मुलायम और अखिलेश की इस बैठक में चाचा शिवपाल भी मौजूद थे। इस बीच रामगोपाल यादव ने दिल्ली में चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद कहा कि कोई समझौता होने नहीं जा रहा। हम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

मुलाकात के दौरान अखिलेश पक्ष की पेशकश थी कि मुलायम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष रहें और अमर सिंह पार्टी के बाहर रहें। शिवपाल को केंद्र की राजनीति में भेजा जाए, शिवपाल यूपी की सियासत में दखल ना दें।अखिलेश पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनें और रामगोपाल यादव को टिकट बांटने का अधिकार मिले।अब साइकिल का हैंडल कौन थामेगा, गेंद चुनाव आयोग के पाले में है हालांकि यह भी सही है कि इस तरह के मामलों में फैसले के लिए कई महीनों का वक्त चाहिए। ऐसे में साइकिल जब्त हो सकती है। इसका अहसास दोनों खेमों को है। लेकिन हथियार डालने को कोई तैयार नहीं हैं। उधर सपा में एक बार फिर सुलह की कोशिशें तेज हो गई हैं। यह कोशिश आजम खान कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए वह मुलायम सिंह यादव से मिलने दिल्ली पहुंचे, लेकिन मुलायम से फोन पर ही बात हो पाई।अखिलेश यादव ने भी मुलायम से फोन पर बात की। इसके बाद अचानक मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ लौटने का फैसला कर लिया। रेगुलर फ्लाइट में अचानक टिकट न मिलने की वजह से उन्होंने चार्ट्ड प्लेन लेने का निर्णय किया। वहीं शिवपाल यादव भी लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं। सूत्रों के मुताविक आजम खान ने अखिलेश और मुलायम से अलग-अलग बातचीत की है, जिसके बाद मुलायम और अखिलेश मिलने को भी तैयार हो गए हैं। आजम खान ने पत्रकारों से कहा कि कोई नहीं चाहता कि समाजवादी सरकार जाए।अल्पसंख्यक समुदाय में इसे लेकर मायूसी है। लेकिन अभी समय है. अभी सारे दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। सपा को एकजुट करने की कोशिशें जारी हैं। इस बीच खबर है कि मुलायम सिंह यादव दिल्ली से लखनऊ पहुंच गए हैं। इससे पहले मुलायम ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर अपनी दावेदारी जताते हुए सोमवार को चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। ऐसी भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर साइकिल चुनाव चिह्न पर कोई पेंच फंसता है तो अखिलेश खेमा मोटरसाइकिल को चुनाव चिह्न के तौर पर लेने का विचार कर सकता है। इससे पहले मुलायम ने सोमवार को दिल्ली में अपने घर पर अमर सिंह, शिवपाल यादव के साथ लंबी बैठक की। इसके बाद सभी एक साथ चुनाव आयोग गए। चुनाव आयुक्त से मुलाकात के वक्त इन तीनों के साथ जयाप्रदा भी मौजूद थीं। चुनाव आयुक्त के साथ करीब चालीस मिनट की मुलाकात के बाद मुलायम और शिवपाल बिना कुछ बोले घर के लिए निकल गए। इससे पहले मुलायम ने 5 जनवरी को बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन को रद्द कर दिया। रामगोपाल यादव ने ‘साइकिल’ पर दावा जताने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात का वक्त मांगा था। आयोग ने उन्हें मंगलवार सुबह 11:30 बजे का वक्त दिया है। पहले रामगोपाल ने कहा था कि वे आयोग नहीं जाएंगे। बाद में मुलायम के आयोग जाने के बाद उन्होंने भी चुनाव आयोग जाने का फैसला किया।

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