महोबा/ झांसी: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम कोयले से बिजली बनाते हैं और भाजपा के लोग बातों से बिजली बनाते हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और किसान का हुआ है। बुंदेलखण्ड की महोबा और झांसी में दो जनसभाओं में मुख्यमंत्री के निशाने पर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। यादव ने कहा कि इससे विकास की गति प्रभावित हुई है। गरीब, किसान, मजदूर का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। नोट बदलने के लिए लाइन में लगे-लगे लोग मौत के शिकार हुए हैं। समाजवादी सरकार ने ऐसे लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद देकर उनके कष्ट को कम करने का प्रयास किया है। राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में हर व्यक्ति के साथ खड़ी है। झांसी के मंच से एक स्वर में उनको बाबीना से चुनाव लड़ने का आमंत्रण मिला, हालांकि अखिलेश यादव ने अपने भाषण कहा कि वह एमएलसी हैं। महोबा में मायावती के कटाक्ष के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वह उन पर कटाक्ष नहीं करेंगी। परिवारवाद और संगठन के सवाल पर वह चुप्पी साध गए। कांग्रेस की चर्चा उन्होंने बिल्कुल भी नहीं की। महोबा के कनकुआं में मुख्यमंत्री ने यूनीवर्सल सौर ऊर्जा प्लांट का लोकार्पण किया। झांसी में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वाले सपने दिखाते हैं, कई देशों ने कोशिश की लेकिन कैशलेश नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि वह सपा की बुराई करते हैं हमने लैपटॉप दिए अब स्मार्ट फोन देने जा रहे हैं इसी से बैंकिंग होगी।
उन्होंने कहा कि कैशलेश, सर्जिकल स्ट्राइक, लव जिहाद कोई नहीं जानता था ये नाम उन्होंने दिए जो काम नहीं करते हैं। उन्होंने बुंदेलखण्ड में फोन लेन सड़कें बनाने का वायदा किया। मंच से चुनाव लड़ने के आमंत्रण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग पूछते हैं कि कौन कहां से लड़ेगा तो हम टिकट नहीं बांटते लेकिन पार्टी जीतने वालों को ही लड़ाएगी। मीडिया के सवाल पर मुख्यमंत्री बोले कि उन्होंने नेता जी को एक सूची सौंप कर मांग की थी कि क्षेत्र में काम करने वाले, ऊर्जावान व जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट दिए जाएं, बाकी अंतिम फैसला तो नेता जी को ही लेना है।