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लखनऊ: निर्वाचन आयोग आजकल राज्य विधानसभा के चुनावों की तैयारियों में जोर शोर से जुटा हुआ है। चुनाव तिथियों का एलान अगले महीने किये जाने का अनुमान है। निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें 15 दिसम्बर के बाद किसी भी समय चुनाव तिथियों की घोषणा के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन कार्यालय को देश के सबसे बडे राज्य में चुनाव की तैयारियों के लिए बहुत थोडा समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमारे पास अवकाश के लिए कोई समय नहीं है। फिलहाल हमारा सारा ध्यान निर्वाचन सूचियों के पुनरीक्षण कार्य पर है। उन्होंने कहा कि हम निर्वाचक मतदाता सूची दो जनवरी को जारी करने की तैयारी में हैं। इसके आधार पर ही राज्य विधानसभा के चुनाव होंगे। चुनाव तिथियों के एलान के लिए आयोग को मतदाता सूची के प्रकाशन का इंतजार करने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि निर्वाचन आयोग राज्य में कितने चरण में राज्य विधानसभा के चुनाव कराने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम सुचारु रुप से चल रहा है और इस काम के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमानिक लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। आयोग ने इस बार निर्वाचक नामावली में बडे पैमाने पर युवा और महिलाओं को जोडने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इस बीच, रिपोर्टो के अनुसार उत्तर प्रदेश के साथ देश के चार अन्य राज्यों पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जनवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च के पहले हफ्ते के बीच राज्य विधान सभा के चुनाव हो सकते हैं। आयोग को पहले चरण के चुनाव की तिथियों के एलान के 45 दिन में पहले चरण का मतदान कराना होता है। चुनाव की तिथि की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और विकास के कार्यो की गति थम जाती है। उत्तर प्रदेश में 2012 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव की तिथियां 24 दिसम्बर 2011 को घोषित की गयीं थी। गत राज्य विधानसभा की 403 सीटो के लिए आठ फरवरी से तीन मार्च के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था औैर मतों की गणना छह मार्च को गयी थी।

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