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जमशेदपुर: सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर में जारी अशांति के दौरान पत्थरबाजी एवं हथगोला फेंकने की घटनाओं में घायल हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या घायल हुए नागरिकों की संख्या से दस गुना अधिक है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि बीएसएफ, राष्ट्रीय रायफल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सुरक्षाकर्मियों के अलावा घटनाओं में सीआरपीएफ के 3,000 जवान घायल हुए हैं। प्रसाद यहां त्वरित कार्रवाई बल कर्मियों के लिए बैरक और रिहाइशी क्वार्टर की आधारशिला रखने आए थे। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के 3,000 घायल जवानों में से 125 गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनमें से कई का अब भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। महानिदेशक ने बताया कि कश्मीर घाटी में जारी अशांति के दौरान पत्थरबाजी, हथगोला फेंकने और भीड़ पर गोलीबारी की घटनाओं में घायल हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या घायल हुए नागरिकों की संख्या से दस गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने अधिकतम संयम का परिचय दिया और लोगों के समूहों द्वारा उनपर ग्रेनेड फेंकने एवं गोली चलाने पर भी बलों ने गोलियां नहीं चलायीं। प्रसाद ने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर घटनाओं में श्रीनगर में हमारे एक कमांडिंग ऑफिसर की मौत हो गयी।’ अर्धसैनिक बलों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पावा गोले एवं प्लास्टिक के छर्रे जैसे कम घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

इस दौरान प्रसाद के साथ सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक सुदीप लखटकिया और सीआरपीएफ, झारखंड के महानिरीक्षक संजय लाथकर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘हमने स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने पर ही पैलेट गन का इस्तेमाल किया।’

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