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चेन्नई: गृह मंत्री अमित शाह भारत के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर लिखी गई किताब लिस्निंग, लर्निंग एंड लीडिंग के लॉन्च के मौके पर तमिलनाडु के चेन्नई पहुंचे। जहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं यहां न गृह मंत्री के नाते और न ही भाजपा के अध्यक्ष के नाते आया हूं। यहां पर राजनीतिक क्षेत्र में काम करते एक विद्यार्थी की नाते पूरा जीवन राजनीति में आदर्श तरीके से काम कैसे करना चाहिए इसकी प्रतिमूर्ति सिर्फ वेंकैया नायडू जी के जीवन की अनुमोदन करने आया हूं।

अपने संबोधन के दौरान शाह ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा, 'एक सांसद के तौर पर मेरा मानना था कि अनुच्छेद 370 को काफी समय पहले हटा दिया जाना चाहिए था। एक गृह मंत्री के तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने के परिणामों को लेकर मेरे मन में कोई भ्रम नहीं था। मुझे पूरा विश्वास है कि कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो जाएगा और यह अब विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।' नायडू की तारीफ करते हुए शाह ने कहा, 'जीवन में सुनना, सीखना और समाज का नेतृत्व करना ये कैसे कर सकते हैं, इसका एक आदर्श श्री वेंकैया नायडू ने इस देश की युवा पीढ़ी के सामने रखा है।

मैं आज जरूर एक बात बताना चाहता हूं कि वेंकैया जी का जीवन विद्यार्थी काल से लेकर आज उपराष्ट्रपति तक पहुंचने तक राजनीति में काम करने वाले सारे युवा कार्यकर्ताओं के लिए अनुकरणीय है।'

शाह ने बताया कि कैसे नायडू ने विद्यार्थी जीवन में अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए आंदोलन किया था। उन्होंने कहा, 'अभी-अभी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए सरकार ने धारा 370 से इस देश को मुक्ति दिलाई है। वेंकैया जी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता थे और 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था। वेंकैया जी आंदोलन का हिस्सा थे। ये विधि का ही विधान है जो बाल वेंकैया नायडू ने 370 के खिलाफ आंदोलन किया था और जब अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव आया तब वेंकैया जी राज्यसभा के चेयरमैन के नाते उसकी अध्यक्षता कर रहे थे।'

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