नई दिल्ली: प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय रेस्तरां चेन सरवण भवन के संस्थापक पी राजगोपाल की बृहस्पतिवार को पुलिस हिरासत में एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी लेकिन राजगोपाल की इच्छा के अनुसार यहां सरवण भवन में ग्राहकों को रोजाना की तरह ही इडली, वड़ा और दोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे गये। 73 वर्षीय राजगोपाल का गुरुवार को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 2001 में एक कर्मचारी की हत्या के मामले में दोषी ठहराये गये राजगोपाल ने कुछ दिन पहले ही आत्मसमर्पण किया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राजगोपाल ने कर्मचारी की पत्नी को अपनी तीसरी बीवी बनाने की कोशिश की, लेकिन जब वह अपने इस प्रयास में विफल रहा तो उसने उसके पति के अपहरण और हत्या की साजिश रची। लेकिन अपहरण और हत्या की यह खौफनाक वारदात की यह घिनौनी कहानी गुरुवार को देश और दुनिया में फैले सरवण भवनों की रसोई से उठती तमाम तरह के व्यंजनों की खुशबूओं के बीच कहीं गुम हो गई। दिल्ली में सरवण भवन के जनपथ और कनॉट प्लेस में दो रेस्तरां हैं। यहां आज का दिन भी रोज की तरह सामान्य रहा।
अधिकतर ग्राहकों को राजगोपाल की मौत की जानकारी नहीं थी। हालांकि सरवण भवन के बाहर तमिल और अंग्रेजी में दो पोस्टर लगाकर इसकी जानकारी दी गयी थी।
पोस्टर में लिखा था, ‘‘श्रद्धांजलि। दक्षिण भारतीय रेस्तरांओं के संस्थापक अन्नाची श्री पी राजगोपाल का आज निधन हो गया। रेस्तरा उनकी इच्छा के अनुसार खुला रहेगा।’’