चेन्नई: रेस्तरां चेन 'सरवण भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काटने के लिए मंगलवार को सत्र अदालत में समर्पण कर दिया। राजगोपाल ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए न्यायालय से और समय मांगा था, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद उन्हें समर्पण करना पड़ा। वह एम्बुलेंस से अदालत पहुंचे। इसी मामले में दोषी जनार्धन भी एम्बुलेंस से अदालत पहुंचे। दोनों दोषियों के वकीलों की ओर से समर्पण संबंधी अर्जी मिलने के बाद अब दोनों को पुझाल केन्द्रीय कारागार भेजे जाने की संभावना है।
इससे पूर्व, आज दिन में न्यायमूर्ति एन. वी. रमण के नेतृत्व वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने स्वास्थ्य कारणों से समर्पण के लिए और वक्त देने की राजगोपाल की याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा कि मामले की अपील पर सुनवाई के दौरान उनकी बीमारी का मुद्दा नहीं उठाया गया था। राजगोपाल ने अक्टूबर 2001 में अपने होटल के एक कर्मचारी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि वह उसकी पत्नी से विवाह करना चाहता था।
इस मामले में उम्रकैद की सजा काटने के लिए उसे सात जुलाई को समर्पण करना था।