तूतीकोरिन (तमिलनाडु): तमिलनाडु के मंत्री के टी राजेंद्र बालाजी ने सोमवार को विवादित बयान दिया कि 'मक्कल नीधि मैयम' (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन के इस बयान को लेकर उनकी जीभ काट देनी चाहिए कि स्वतंत्र भारत का ''पहला उग्रवादी हिन्दू'' था। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता बालाजी ने हिंसा के बीज बोने पर एमएनएम पर पाबंदी का भी अनुरोध किया। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग हासन के खिलाफ कार्रवाई करे। दुग्ध एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''उनकी जीभ काट देनी चाहिए''...उन्होंने कहा है कि (स्वतंत्र भारत का पहला उग्रवादी) हिन्दू था। उग्रवाद का कोई धर्म नहीं होता, न हिन्दू, न मुस्लिम न ईसाई।
उन्होंने हासन पर अल्पसंख्यक वोट हासिल करने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया। मंत्री ने कहा कि आप जहर क्यों उगल रहे हैं। (हासन द्वारा बोला गया) हर शब्द जहर है। हिंसा के बीज बो रही हासन की पार्टी पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए और चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
इससे पहले, हासन ने यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था कि स्वतंत्र भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू नाथूराम गोडसे था जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी।
हिन्दू था भारत का पहला उग्रवादी: कमल हासन
कमल हासन ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू था। वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे। हासन की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश भाजपा ने उन पर 'विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा ने भारत के निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए आदर्श आचार संहिता के घोर उल्लंघन के लिए हासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि कांग्रेस और दिवंगत ई वी आर पेरियार का तर्कवादी संगठन द्रविड़ कषगम एमएनएम नेता के समर्थन में आए।
रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं और जहां तिरंगे के तीन रंग बरकरार रहें। विभिन्न धर्मों के संदर्भ में उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (उग्रवाद) शुरुआत हुई।
कमल पर विवेक का हमला
अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने भी हासन की आलोचना करते हुए कहा कि कला और आतंकवाद दोनों का कोई धर्म नहीं है और पूछा कि क्या मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए गोडसे के धर्म का जिक्र किया गया। प्रधानमंत्री पर बनी एक बायोपिक में नरेंद्र मोदी का किरदार निभाने वाले ओबेरॉय ने कहा कि किसी को भी देश को विभाजित नहीं करना चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट किया, ''प्रिय कमल सर, आप बहुत बड़े कलाकार हैं। जैसे कला का कोई धर्म नहीं होता ठीक वैसे ही आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आप कह सकते हैं कि गोडसे आतंकवादी था लेकिन आपने हिंदू शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? इसलिए कि आप मुस्लिम बहुल इलाके में वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे? उन्होंने कहा कि कृपया सर इस देश को बांटे नहीं, हम सभी एक हैं जय हिंद...अखंड भारत, अविभाजित भारत।