नई दिल्ली: उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद दिल्ली महिला आयोग के सभी संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। नियमों में अनियमितता के बाद एजी ने यह फैसला लिया।
दिल्ली महिला आयोग के सहायक सचिव ने डीसीडब्ल्यू के सभी संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से पदों से हटाने का आदेश जारी किया है। डीसीडब्ल्यू मंत्रालय ने अप्रैल 2024 में इस आदेश को पास किया था लेकिन राजभवन की ओर से इसे मंजूरी मिली है।
इससे पहले दिल्ली के एलजी ने मई महीने में दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दे दिया था। आरोप था कि डीसीडब्ल्यू की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी।
जिसके बाद आम आदमी पार्टी की सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एलजी पर निशाना साधा था।
मालीवाल ने कहा था कि दिल्ली महिला आयोग ने पिछले आठ सालों में एक लाख 70 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई की। महिलाओं की समस्याओं से जुड़ी 181 पर 40 लाख से ज्यादा कॉल को सुना। दुष्कर्म पीड़ित, एसिड पीड़ित व अन्य की भलाई के लिए काम किया। महिला पंचायत के माध्यम से 50 हजार महिलाओं की बात सुनी। दो लाख केस को सुलझाया। कोर्ट में दो लाख केस को सुलझाने में मदद की। महिलाओं की भलाई के लिए 500 सिफारिश भेजी। यह सब काम अकेले नहीं किया जा सकता।