गुवाहाटी: मेघालय में हुए बड़े सियासी उलटफेर ने देश की निगाहें पूर्वोत्तर के इस छोटे से राज्य पर केंद्रित कर दी है। कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायक, पार्टी छोड़कर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी से जुड़ गए हैं। मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने उन कारणों का खुलासा किया जिसके कारण वे और 11 अन्य विधायक पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए। संगमा ने इस बात पर अफसोस जतााया कि कांग्रेस प्रभावी विपक्षी पार्टी की भूमिका पर खरी नहीं उतरी। संगमा और अन्य 11 विधायकों का टीएमसी में शामिल होने का निर्णय विंसेंट पाल को मेघालय कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने को लेकर चली नाराजगी के बीच सामने आया है।
मुकुल संगमा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों ने टीएमसी में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, देश की बेहतरी के लिए हमने तृणमूल कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया है। हम राज्य के लिए भविष्य के लिए नया ट्रेंड स्थापित कर रहे हैं।
मुकुल बाद में कोलकाता गए और टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से 'शिष्टाचार मुलाकात' की थी। आज गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुकुल संगमा ने कहा, 'लोकतंत्र में संतुलन होना चाहिए। हमें एक प्रभावी विपक्ष की जरूरत है।" "हमने इस बात को दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के समक्ष उठाया। हमने दिल्ली की कई यात्राएं की, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ ... विपक्ष का विकल्प तलाशते हुए मैं अपने अच्छे दोस्त प्रशांत किशोर-जी से मिला, जिन्हें हम सभी जानते हैं कि वह फर्क ला सकते हैं। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि जब हमने बातचीत की तो हमने एक ही उद्देश्य साझा किया जो कि लोगों का हित है।"'
उन्होंने और अन्य विधायकों ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह हमारे लंबे विश्लेषण और इस परिश्रम की परिणति है कि हम किस तरह अपने लोगों और देश की सेवा कर सकते हैं। वर्ष 2018 में हम सबसे बड़ी पार्टी बने थे, लेकिन सरकार नहीं बना सके थे, इसके क्या कारण ये सभी को पता हैं। संगमा ने कहा कि आज राज्य और देश की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए हम बता सकते हैं कि यह हमारी ओर से लिया गया सजगतापूर्ण निर्णय है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में रहते हुए क्या हम वास्तव में अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर पाते?