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शिलांग: पिछले 24 दिनों से मेघालय के पूर्वी जयंती पर्वतीय जिले के एक कोयला खदान में फंसे 15 श्रमिकों को निकालने के काम में शनिवार को प्रगति हुई। इस दौरान उच्च क्षमता वाले दो पंपों ने मुख्य शाफ्ट से पानी निकालने का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड द्वारा राज्य सरकार को श्रमिकों के बाहर निकालने के काम में मदद की पेशकश के 10 दिन बाद से पंप ने कार्य करना शुरू कर दिया। लेकिन पंप सिर्फ एक घंटे ही काम कर पाया जिसकी वजह से नौसेना के गोताखोर पानी के भीतर थाह लेने के लिए नहीं जा सके।

इस अभियान के प्रवक्ता आर सुंगसी ने कहा कि शनिवार दोपहर करीब तीन बजकर 30 मिनट पर किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की एक टीम मुख्य शाफ्ट से पानी निकालने का काम शुरु करने में सक्षम रही। यहीं खनिक फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि पंप सिर्फ एक घंटे ही चल पाया जिससे नौसेना के गोताखोर पानी का अंदाजा लगाने नीचे नहीं जा पाए। भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर अब भी तलाश और बचाव के काम में कुछ खास काम नहीं कर पाए हैं। पानी का स्तर अब भी 100 फुट से ज्यादा है।

 

मानवरहित वाहन को शाफ्ट के भीतर भेजा जाएगा

सुंगसी ने बताया कि पानी का स्तर पता लगाने के लिए पंप को लगातार 10 से 12 घंटे पानी निकालने का काम करना होगा। उन्होंने बताया कि रविवार को मानवरहित रिमोट से चलने वाले एक वाहन को शाफ्ट के भीतर दोबारा भेजा जाएगा। सुंगसी ने बताया कि इसी बीच कोल इंडिया की उच्च शक्ति वाला एक समरसिबल पंप और ओडिशा के दो अन्य पंप आस पास के खाली पड़े खदानों से पानी निकालने के काम में लगाये गये हैं क्योंकि हो सकता है कि ये खदान आपस में जुड़े हों।

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