उदयपुर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत ने उदयपुर प्रवास के दौरान दूसरे दिन शनिवार को जागरण श्रेणी के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक ली और उन्हें मार्गदर्शन दिया। भागवत ने कार्यकर्ताओं को संघ की विचारधारा से लोगों को जोड़ने की बात कही। इस बैठक में संघ के चित्तौड़ प्रांत के जागरण श्रेणी के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। गौरतलब है कि संघ के चित्तौड़ प्रांत में उदयपुर के अलावा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, कोटा, बूंदी, बारां तथा झालावाड़ जिले शामिल हैं। चित्तौड़ प्रांत के संघ चालक जगदीश सिंह राणा ने मीडिया को बताया कि संघ के जागरण श्रेणी में संपर्क, सेवा व प्रचार विभाग आते हैं।
जागरण श्रेणी के कार्यकर्ता समाज बंधुओं से प्रत्यक्ष संपर्क करने व संघ से जोड़ने का दायित्व निभाते हैं, इसलिए सरसंघ चालक ने उन्हें समझाया कि कार्यकर्ताओं को अपने दायित्व का पूरी तरह से निर्वाहन करना होगा। इन्हीं दायित्वों से जुड़े कार्यकर्ताओं को सरसंघ चालक भागवत ने मार्गदर्शन प्रदान किया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से समाज में नेतृत्व प्रदान करने वाले प्रबुद्ध वर्ग से समय-समय पर संवाद का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में रविवार को गणमान्य व्यक्तियों के साथ संघ के उद्देश्य विचार और कार्य पद्धति की स्पष्टता पर भागवत मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। साथ ही, प्रबुद्धजनों की ओरसे सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भागवत के प्रवास के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रबुद्धजनों के साथ चर्चा का रहेगा। इसमें भागवत 300 प्रबुद्धजनों से मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि सरसंघ चालक उदयपुर प्रवास के पश्चात 20 सितंबर को भीलवाड़ा प्रवास पर रहेंगे। वहां पर वे तेरापंथ आचार्य महाश्रमण से भेंट करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक डाक्टर मोहन भागवत ने कहा कि शाखा के माध्यम से स्व के भाव का जागरण होता है। संघ के शताब्दी वर्ष आने से पहले संघ कार्य की गति बढ़ाने तथा पूर्णकालिक प्रचारकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मोहन भागवत तीन दिवसीय उदयपुर प्रवास पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने उत्तर पश्चिम क्षेत्र के चित्तौड़ प्रांत के आठ विभाग, चार महानगर तथा 27 जिलों के कार्यकर्ताओं से चर्चा की। जिसमें संघ कार्य के विस्तार और दृढ़ीकरण को लेकर गहन चर्चा हुई। बैठक का दौर सुबह से शाम तक जारी रहा। जिसमें तीन सौ से अधिक संघ पदाधिकारी व महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं को ही प्रवेश मिला।