जयपुर: राजस्थान के राजसमंद जिले के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस एन खींची को जिले के थाने में तीन लोगों को यातना देने के मामले में दो साल की जेल और एक हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा गत सोमवार को सुनाई गई है। खींची वर्तमान में पुलिस उप महानिरीक्षक (सीआईडी,सिविल राईट्स) के पद पर कार्यरत है। दो अक्टूबर 2000 में एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा उसकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के मामलें में रमेश चंद्र टांक, रमेश चपलोत, और भगवती लाल को थाने में लाया गया था। शिकायत तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस एन खींची को की गई थी। शिकायतकर्ता रमेश चंद्र टांक के अधिवक्ता एस एल लडढा ने आज ( बुधवार) बताया कि तत्कालीन अधिकारी खींची ने थाने में उन्हें पीटा और यातनाएं दी। बाद में पीडितों को दो दिन की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया और 4 अक्टूबर को उन्हें जमानत पर छोड दिया गया। उन्होंने बताया कि हमारी प्रार्थना पर एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया, जिसने पीटने की पुष्टि की।
उसके आधार पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई। उन्होंने बताया कि अदालत ने संज्ञान लेते हुए तीनों पीडितों और मेडिकल बोर्ड के सदस्यों के बयान दर्ज किये। अदालत ने गत सोमवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एस एन खींची को दो साल की जेल और एक हजार रूपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। हालांकि खींची के अधिवक्ता की प्रार्थना पर अदालत ने जेल की सजा को एक महीने के लिये इसलिये निलंबित कर दिया जिससे कि वह जिला न्यायाधीश की अदालत में अपील कर सके।