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नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संभवत: संसद में लंबित जीएसटी विधेयक के संदर्भ में विधि निर्माताओं और सरकार से कहा कि आर्थिक सुधारों और प्रगतिशील विधानों को सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है और इसके लिए निर्णय लेने का प्रमुख तरीका सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति बनाने की भावना पर आधारित होना चाहिए। प्रणब ने 67वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में आगाह किया कि निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास की प्रक्रिया का ही नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘विकास की शक्तिओं को मजबूत बनाने के लिए हमें सुधारों और प्रगतिशील विधान की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना विधि निर्माताओं का परम कर्तव्य है कि पूरे विचार विमर्श और परिचर्चा के बाद ऐसा विधान लागू किया जाए। सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति की भावना निर्णय लेने का प्रमुख तारीका होना चाहिए। निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास प्रक्रिया का ही नुकसान होगा।’

नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद का भारत के तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। स्वागत से अभिभूत ओलांद ने कहा कि वह गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनकर खुश हैं। प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में ओलांद का स्वागत किया, जिसके बाद उनको गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहां पीएम नरेंद्र मोदी समेत उनके कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद ओलांद ने कहा, ' आईएसआईएस की धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं, हम सब मिलकर आतंकवाद का सामना करेंगे।' इससे पहले राष्ट्रपति ओलांद सोमवार सुबह राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। कैबिनेट के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी। इस फैसले की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आलोचना की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो इसे 'राजनीतिक असहिष्णुता' करार दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार सुबह कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई है। राज्य में पिछले साल 16 दिसंबर से राजनीतिक संकट इस राज्य में पिछले साल 16 दिसंबर को राजनीतिक संकट शुरू हो गया था, जब कांग्रेस के 21 बागी विधायकों ने बीजेपी के 11 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर एक अस्थाई स्थान पर आयोजित सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर 'महाभियोग' चलाया।

नई दिल्ली: वर्ष 2006 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने स्वीकार किया था कि जापान के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल सार्वजनिक की गई फाईलों के मुताबिक उसने मंदिर के पुजारी के यह संकेत मिलने के बाद कि नेताजी के अवशेषों को वहां सम्मान के साथ संरक्षित नहीं रखा जा सकता, भारतीय राजदूत को वे अस्थियां भारतीय दूतावास की नवनिर्मित इमारत में लाने के तौरतरीकों पर काम करने का निर्देश भी दिया था। इसमें कहा गया है कि ये बिंदु विदेश मंत्रालय की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन को दिये गए उस जवाब में मिले हैं, जिन्होंने मंत्रालय को नेताजी की अस्थियों को वापस लाने के मुद्दे पर जांच पड़ताल करने को कहा था।

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