नई दिल्ली: भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर एक बयान जारी कर अपनी श्रद्धांजलि दी है। इसमें उन्होंने गायिका के साथ उनके लंबे जुड़ाव को याद किया है। अपने बयान में आडवाणी ने कहा, "लता जी एक अच्छी इंसान थीं और उनके साथ मेरी सभी बातचीत में उनकी सादगी, गर्मजोशी और सबसे बढ़कर, हमारे महान देश के प्रति उनके प्यार से मैं प्रभावित हुआ।" उन्होंने लिखा है कि यह उनका राम भजन ही था जो सोमनाथ से अयोध्या तक उनकी राम रथ यात्रा के दौरान "सिग्नेचर ट्यून" बन गया था।
1990 में गुजरात के सोमनाथ से यूपी के अयोध्या तक रथ यात्रा निकालने वाले आडवाणी ने लिखा है, "लता जी लोकप्रिय गायकों के बीच मेरी हमेशा पसंदीदा रही हैं और मैं उनके साथ लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए भाग्यशाली महसूस करता हूं। मुझे वह समय याद है, जब उन्होंने एक सुंदर श्रीराम भजन रिकॉर्ड किया था और मुझे भेजा था, जब मैं सोमनाथ से अयोध्या तक की राम रथ यात्रा शुरू करने वाला था।
वह यादगार गीत है- "राम नाम में जादू ऐसा, राम नाम मन भाये, मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम ना आए ...यह गीत मेरी यात्रा की सिग्नेचर ट्यून बन गई थी।"
उन्होंने लिखा, "हिंदी सिनेमा के लिए लता जी के अनगिनत खूबसूरती से गाए गए गीतों में से, मुझे ज्योति कलश छलके का विशेष शौक रहा है... और हर बार लता जी ने मेरे अनुरोध पर कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस गीत को गाया, जब-जहां हमने मंच साझा किया, तो मुझे बहुत खुशी हुई।"
लता मंगेशकर का आज 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 8 जनवरी को उन्हें कोविड और निमोनिया का पता चलने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोविड से ठीक होने के बाद शनिवार को हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मल्टी ऑर्गन फेल्यूर की वजह से उनका निधन हो गया।