चेन्नई: प्रख्यात पार्श्व गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का शु्क्रवार दोपहर 1.04 बजे चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। उन्होंने बॉलीवुड सहित कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। सिंगर एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर फ़िल्मी जगत के लोगों ने शोक व्यक्त किया है। श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, "एसपी बालासुब्रमण्यम की मौत से हमारी सांस्कृतिक दुनिया को बहुत नुक़सान हुआ है। पूरे भारत में घर-घर पहचाना जाने वाला नाम, उनकी मधुर आवाज़ और संगीत ने दशकों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और उनके चाहने वालों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।"
प्यार से लोग एसपीबी बुलाते थे
साल 1981 में एक आवाज ने देश में सिनेमा के शौकीनों का मन मोह लिया। इस आवाज ने उत्तर और दक्षिण का एक नया सांस्कृतिक पुल भी बनाया। फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में पार्श्वगायन करने वाले गायक एस पी बालासुब्रमण्यम पहले ऐसे गायक रहे जिन्होंने भारतीय सिनेमा की हर भाषा में सुपरहिट गीत गाए और लगातार गाए। शुक्रवार को चेन्नई में उन्होंने जब अंतिम सांसें लीं, तो संगीत का एक ऐसा राग अधूरा छूट गया, जिसकी सरगम पूरे भारत ने एक साथ सुनी थी।
एस पी बालासुब्रमण्यम को लोग प्यार से एसपीबी बुलाते रहे। इतना बड़ा कद और इतना छोटा निकनेम। आदमी भी वह बहुत ही कमाल के रहे। हां, पहली बार जब उनके नाम का जिक्र फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में पार्श्वगायन के लिए चला तो फिल्म की संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल में से लक्ष्मीकांत को वह खास पसंद नहीं आए। उन्हें लगा कि पता नहीं ये मद्रासी गायक कुछ कर भी पाएगा कि नहीं लेकिन फिल्म निर्देशक के बालाचंदर के भरोसा जताने के बाद वह मान गए। कमल हासन की इस फिल्म में आवाज बनने के बाद एसपीबी बाद में फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में सलमान खान की आवाज भी बने। कम लोगों को ही पता होगा कि एसपीबी न सिर्फ कमाल के गायक थे बल्कि बहुत अच्छे अभिनेता और डबिंग आर्टिस्ट भी रहे। कमल हासन की जितनी भी फिल्में तमिल से तेलुगु में डब होकर रिलीज हुई हैं, सब में उनकी डबिंग एसपीबी ने ही की। फिल्म एक दूजे के लिए के गाने ‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
नेल्लोर में हरिकथा सुनाने वाले सम्बामूर्ति के घर 4 जून 1946 को जन्मे एसपीबी का पूरा नाम है, श्रीपति पडिथा अरथुयला बालासुब्रमण्यम। माता पिता की इच्छा थी कि वह इंजीनियर बने। लेकिन, विफलता उन्हें चेन्नई लेकर आई। संगीत का शौक था उन्हें, जिसे उन्होंने जुनून में बदला गायन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर। उस समय के मशहूर गायक और संगीतकार एस पी कोथानदपनी ने उनकी प्रतिभा को एक कार्यक्रम में देखा तो हैरान रह गए। आंध्र सोशल एंड कल्चरल सोसाइटी की इस गायन प्रतियोगिता ने एसपीबी का जीवन बदल दिया। कोथानदपनी ने ही एस पी बालासुब्रमण्यम को पार्श्वगायन का पहला मौका दिया।
एसपीबी मूलत: एक डबिंग आर्टिस्ट ही रहे। तमाम फिल्मों में डबिंग करने के बाद गाने का पहला मौका 54 साल पहले उन्हें जिस तेलुगु भाषा की फिल्म ‘श्री श्री श्री मर्यादा रामन्ना’ फिल्म में मिला, वहां से राम का नाम लेकर जो उनकी गाड़ी निकली तो जीवन के अंतिम स्टेशन पर आने तक तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी समेत 16 भाषाओं के 40 हजार गानों से गुजर चुकी थी। जिन अभिनेताओं के लिए उन्होंने पार्श्वगायन किया उनमें एम जी रामचंद्रन से लेकर शिवाजी गणेशन और जेमिनी गणेशन जैसे दिग्गज सितारे शामिल हैं। अपने प्रशंसकों के बीच ‘पादुम नीला’ नाम से प्रसिद्ध रहे एसपीबी ने अपने करियर में कुल छह राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। संगीतकार प्यारेलाल ने उनको खूब सुना और वह मानते थे कि मोहम्मद रफी जैसी सहजता के साथ गाना ही एसपीबी की खासियत है। कुछ फिल्मों में वह अभिनय करते हुए भी नजर आए।
सामने वाले को मिलते ही सहज करा देना एसपीबी की तमाम खासियतों में से एक है। दो मिनट आप उनसे बात कर लीजिए और तीसरे मिनट लगेगा ही नहीं कि आप उनसे पहली बार मिल रहे हैं। अपनी कला का उन्हें बिल्कुल अभिमान नहीं था। साथ के लोगों को सम्मान देना, अपने से छोटों की मदद के लिए हमेशा आगे रहना और जरूरत पड़े तो अपनी पसंद नापसंद को किनारे करके भी फिल्म के लिए काम करना उनकी आदत रही है। एसपीबी को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने वाली फिल्म ‘शंकरभरणम’ के बारे में सबको पता है कि इस तेलुगु फिल्म के सारे गाने कर्नाटक संगीत पर आधारित है और एसपीबी को भी शुरू में ये सहज नहीं लग रहा था, लेकिन फिर उन्होंने इस पर संगीतकार के वी महादेवन के शागिर्दों से चर्चा की। एसपीबी का मानना रहा कि किसी भी विषय को समझना हो तो उनसे बात करो जो कला के तार झंकृत करते हैं, उनसे नहीं जो इनका नेतृत्व करते हैं। एसपीबी का जोर इसी बात पर रहता था कि संगीत हो या जीवन टीम का छोटे से छोटा सदस्य महत्वपूर्ण है। साइड रिदम पर बैठे साथी की एक गलत टंकार भी पूरा गाना बिगाड़ सकती है। ‘शंकरभरणम’ के गाने एसपीबी ने इसके बाद गाए और सारे गाने हिट भी रहे।
एसपीबी को तमिल फिल्म इंडस्ट्री में सम्मान पाने में काफी समय लगा। शंकरभरणम’ के बाद दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें ‘एक दूजे के लिए मिला’ और फिर इसके बाद के दो और पुरस्कार भी तेलुगु फिल्मों ‘सागर संगम’ और ‘रुद्रवीणा’ के लिए मिले। पांचवा पुरस्कार भी उनके खाते में आया तो आया कन्नड़ फिल्म ‘गणयोगी पंचाक्षरा गावई’ के लिए। ये हैरान करने वाली बात इसलिए भी है क्योंकि तब तक संगीतकार इलैयाराजा व एम एस विश्वनाथन के साथ मिलकर एसपीबी ने तमाम एकल और युगल गाने बना लिए थे। आखिरकार ये पुरस्कार उन्हें तब मिला जब उन्होंने संगीतकार ए आर रहमान ने उनसे फिल्म ‘मिनसारा कनावू’ में एक बहुत ही कर्णप्रिय गीत गवाया।
एसपीबी ने जीवन में जो कुछ पाया, वही दूसरों पर लुटाया। उन्हें मौका अपनी प्रतिभा से मिला तो उन्होंने तमाम प्रतिभाओं को अपने साथ जोड़ा भी। हिंदी फिल्म जगत में लता मंगेशकर को वह ईश्वर तुल्य मानते थे। एक बार की बात है जब लता मंगेशकर का एक बहुत बड़ा शो होने जा रहा था और उसमें तमाम बड़े गायकों को भी आमंत्रित किया गया था। इस शो में फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ का गाना ‘दीदा तेरा देवर दीवाना’ गाने का लता का बड़ा मन था और वह चाहती थीं कि स्टेज पर उनके साथ एसपीबी भी रहें। एसपीबी उन दिनों बहुत व्यस्त थे लेकिन जैसे ही उन्हें लता मंगेशकर का संदेश मिला, वह सारा काम छोड़कर इस शो में पहुंच गए। मंच पर ही लता ने उनके इस समय निकालने के जतन का आभार जताया तो एसपीबी बोले, ‘ईश्वर बुलाए तो कौन आने से इनकार कर सकता है।’
और, ये संस्कार वह बताते थे कि उन्हें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन से मिले। एसपीबी ने एक बार बताया था कि कैसे वह बीमार पड़ गए थे और उनके ठीक होने का एमजीआर ने लंबा इंतजार किया। वह चाहते तो अपनी फिल्म का गाना किसी और से भी गवा सकते थे, लेकिन उन्होंने मेरे ठीक होने का इंतजार किया। उनका मानना था कि एमजीआर के लिए गाना गा रहे शख्स ने जरूर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को ये बात बता दी होगी। अब अगर उसकी जगह किसी और से गाना गवा लिया जाए तो उसका दिल टूट सकता है। सलमान खान ने दूसरों का दिल रखने के लिए खुद को कष्ट में डालने की बात, बताते हैं एसपीबी से ही फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ की मेकिंग के दौरान सीखी। सलमान खान की पहली फिल्म में एसपीबी ने उनके सारे गाए और इसके बाद ये सिलसिला काफी लंबा चला। और, इस सिलसिले में सब ने उनसे बस यही कहा, बहुत प्यार करते हैं तुमसे सनम!