चंडीगढ़: फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने कंगना के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई की मांग से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है। लुधियाना निवासी नवनीत गोपी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर बताया कि कंगना रणौत ने सोशल मीडिया पर बीफ खाने की के लिए लोगों को प्रेरित किया है। ऐसा करना सीधे तौर पर उनकी तथा उनके जैसे अन्य लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करना है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि कंगना के खिलाफ उसने दो बार पुलिस को शिकायत दी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। नवनीत ने कहा कि पंजाब में बीफ पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, ऐसे में बीफ को सोशल मीडिया पर प्रमोट करना सीधे तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि जब से उसने शिकायत दी है तब से उसे विभिन्न लोगों और संगठनों की ओर से धमकियां मिल रही हैं।
परिवार के लिए मांगी थी सुरक्षा
याचिकाकर्ता ने कंगना पर कार्रवाई के साथ ही अपने और अपने परिवार के लिए उच्च न्यायालय से सुरक्षा मांगी थी। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि जो पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई है, वह लोगों को बीफ खाने के लिए प्रेरित करने वाली नहीं है । याचिका में जिस दूसरी पोस्ट का जिक्र किया जा रहा है वह पोस्ट कंगना ने डाली है, यह साबित नहीं हो पाया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता यह साबित करने में नाकाम रहा है कि उसे किसी प्रकार की कोई धमकी मिली है। उच्च न्यायालय ने याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया।