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कोलंबो: भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में भी जारी रहा और टीम को इस मैच में 110 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 248 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पूरी टीम 26.1 ओवर में 138 रन पर ऑलआउट हो गई। भारतीय बल्लेबाजी क्रम एक बार फिर श्रीलंकाई स्पिनरों के सामने बेदम नजर आया और कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम की टर्न लेती पिच पर संघर्ष करता दिखा। श्रीलंका के लिए स्पिनर दुनिथ वेलालागे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट झटके और भारतीय पारी को लड़खड़ाने में अहम योगदान निभाया।

भारत के खिलाफ 0-3 से टी20 सीरीज गंवाने के बाद श्रीलंका ने वनडे प्रारूप में शानदार खेल दिखाया। दोनों टीमों के बीच पहले वनडे टाई रहने के बाद श्रीलंका ने गेंदबाजों के दम पर अगले दोनों मैच जीते। इस तरह श्रीलंका भारत से 2-0 से यह सीरीज अपने नाम करने में सफल रहा।

चरिथ असलंका की अगुआई वाली श्रीलंकाई टीम के लिए यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि मेजबान टीम ने भारत के खिलाफ 1997 के बाद पहली बार वनडे सीरीज जीती है। श्रीलंका ने इससे पहले अंतिम बार 1997 में अर्जुन राणातुंगा की कप्तानी में भारत को 3-0 से हराया था। तब से लगातार 11 बार भारत ने वनडे सीरीज अपने नाम की थी, लेकिन रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इस रिकॉर्ड को बरकरार नहीं रख सकी और उसे 27 साल बाद श्रीलंका से वनडे सीरीज गंवानी पड़ी।

शुरुआती झटकों से नहीं उबर सकी भारतीय टीम

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को असिथा फर्नांडो ने पहला झटका शुभमन गिल को आउट कर दिया। भारत ने 37 रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवाया था। पिछले दो मैच में अर्धशतक जड़ने वाले रोहित शर्मा इस मैच में भी अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ रहे थे, लेकिन वेलालागे ने कप्तान को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया। इसके बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई और एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज अपने विकेट गंवाते रहे। विराट कोहली शुरुआती दो मैचों की तरह इस मैच में भी प्रभाव नहीं छोड़ सके और 20 रन के स्कोर पर पवेलियन लौटे। भारत की बल्लेबाजी इस कदर खराब रही कि टीम ने 100 रन के स्कोर पर ही सात विकेट गंवा दिए थे। अंत में वाशिंगटन सुंदर ने 25 गेंदों पर 30 रनों की पारी खेली, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। भारत के लिए सिर्फ चार बल्लेबाज ही दहाई अंक तक पहुंच सके। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने अपने नौ विकेट स्पिनरों के खिलाफ गंवाए।

स्पिनरों से पार नहीं पा सकी टीम

भारतीय बल्लेबाज पूरी वनडे सीरीज के दौरान स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते दिखे थे। भारत ने तीन मैचों की सीरीज में स्पिनरों के खिलाफ कुल 27 विकेट गंवाए जो इतने मैचों की वनडे द्विपक्षीय सीरीज में किसी टीम द्वारा स्पिनरों के खिलाफ गंवाए सर्वाधिक विकेट है। वहीं, वेलालागे भारत के खिलाफ एक से अधिक बार वनडे में पांच विकेट लेने वाले पहले स्पिनर बने। वह दो बार भारत के खिलाफ यह कारनामा कर चुके हैं।

निसांका-फर्नांडो की शानदार साझेदारी

इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका की शुरुआत अच्छी रही और पाथुम निसांका और अविष्का फर्नांडो ने पहले विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी की। पिच से हालांकि स्पिनरों को शुरुआती दो मैच की तरह मदद नहीं मिल रही थी। फर्नांडो ने शुरुआत से ही आक्रामक रवैया अपनाया। निसांका ने भी बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पर स्लॉग स्वीप से दो छक्के मारे। अक्षर ने भारत को पहली सफलता दिलाई जब निसांका उनकी ऑफ साइड से बाहर की गेंद को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों में खेल गए। निसांका 45 रन बनाकर आउट हुए।

शतक से चूके फर्नांडो

फर्नांडो और कुसल मेंडिस ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन जुटाकर श्रीलंका को मजबूत स्थिति में रखा। फर्नांडो ने मोहम्मद सिराज के खिलाफ आसानी से रन जुटाए जिन्होंने दिशाहीन गेंदबाजी की। फर्नांडो ने पुल शॉट से सिराज पर लगातार दो छक्के मारे। फर्नांडो हालांकि पराग की सीधी गेंद पर पगबाधा हो गए और अपने चौथे वनडे शतक से चूक गए। फर्नांडो ने 102 गेंदों पर नौ चौकों और दो छक्कों की मदद से 96 रनों की पारी खेली।

पहले ही मैच में गेंदबाजी से चमके पराग

श्रीलंका का स्कोर 36वें ओवर में दो विकेट पर 171 रन था और मेजबान टीम 280 रन के करीब पहुंचने की स्थिति में दिख रही थी। पराग ने इसके बाद कप्तान चरिथ असलंका (10) को पगबाधा किया और फिर दुनिथ वेलालागे (02) को भी पवेलियन भेजकर श्रीलंका की लय तोड़ी। पराग ने तेजी से स्पिन लेती गेंद पर वेलालागे को बोल्ड किया। सिराज ने सदीरा समरविक्रमा जबकि वाशिंगटन सुंदर ने जनिथ लियानागे को आउट कर दिया जिससे श्रीलंका का स्कोर छह विकेट पर 199 रन हो गया। मेजबान टीम ने इस तरह 28 रन पर पांच विकेट गंवाए। हालांकि, कुसल मेंडिस (59) और कामिंदू मेंडिस (नाबाद 23) ने सातवें विकेट के लिए 36 रन जोड़कर टीम का स्कोर 250 रन के करीब पहुंचाया।

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