पेरिस: पेरिस ओलंपिक में पुरूष सिंगल्स के कांस्य पदक की लड़ाई लड़ने उतरे भारत के युवा स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन कांस्य पदक से चूक गए। दुनिया के नंबर-7 खिलाड़ी के सामने शानदार शुरुआत करते हुए लक्ष्य सेन ने पहला गेम बहुत ही आसानी से 21-12 से जीत लिया। लेकिन अगले दोनों गेमों में हाथ में लगी चोट से खेल रहे लक्ष्य ने गलतियों पर गलतियां कीं। उनकी तरफ से बेजा गलतियों की भरमार रही। नतीजा यह रहा कि जि जिया को अगले दोनों गेम 21-16, 21-11 से जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई। और इस तरह से करोड़ों भारतीयों का लक्ष्य को कांस्य पदक जीतते देखने का सपना भी चूर हो गया।
पहला गेम भारतीय शटलर ने 21-13 से अपने नाम किया था। इसके बाद दूसरे गेम में एक वक्त लक्ष्य ने 8-2 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, इसके बाद मलयेशियाई खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की और 11-8 से बढ़त बनाने के बाद दूसरे गेम को 21-16 से अपने नाम किया।
इसके बाद तो तीसरे और निर्णयाक गेम में ली जिया पूरी तरह हावी रहे और 21-11 से अपने नाम किया। साथ ही मैच के साथ-साथ कांस्य पदक भी अपने नाम किया। लक्ष्य ने मैच में कई अनफोर्स्ड एररर्स किए और मलयेशियाई खिलाड़ी को स्मैश पर स्मैश लगाने का मौका दिया। लक्ष्य इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करवाने से चूक गए। इससे पहले लक्ष्य को सेमीफाइनल में विक्टर एक्सेलसन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
उससे पहले लक्ष्य ने लगातार पांच मैच जीते थे। उन्होंने ग्रुप स्टेज के दौरान अपने पहले मैच में गुआतेमाला के केविन कोरडोन को 21-8, 22-20 से हराया था। हालांकि, इस मैच का नतीजा डिलीट कर दिया गया और मैच को रद्द घोषित किया गया। इसके बाद लक्ष्य ने बेल्जियम के जुलियेन करागी को 21-19, 21-14 से हरा दिया। ग्रुप स्टेज से निकलकर राउंड ऑफ 16 में पहुंचने के लिए लक्ष्य को अपने आखिरी ग्रुप मैच में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को हराया था। भारतीय शटलर ने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विश्व नंबर तीन क्रिस्टी को 21-18, 21-12 से हरा दिया।
राउंड ऑफ 16 में लक्ष्य का सामना हमवतन एचएस प्रणय से हुआ और लक्ष्य ने प्रणय को 21-12, 21-6 से हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में लक्ष्य का सामना चीनी ताइपे के चू टिन चेन से हुआ। इस मैच में लक्ष्य को कड़ी टक्कर मिली और पहली बार लक्ष्य का कोई मैच तीसरे गेम में गया। पहला गेम चू टिन ने 21-19 से अपने नाम किया था। इसके बाद दूसरा गेम लक्ष्य ने 21-15 और तीसरा गेम 21-12 से अपने नाम किया। इस मैच को जीतने के साथ ही लक्ष्य ने इतिहास रच दिया था। वह बैडमिंटन के पुरुष एकल में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने। हालांकि, सेमीफाइनल में एक्सेलसन ने लक्ष्य को 22-20, 21-14 से हरा दिया।