नई दिल्ली: कॉल ड्रॉप की समस्या जारी रहने के बीच नये दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज (शुक्रवार) कहा कि इस मुद्दे को सुलझाना उनकी ‘शीर्ष प्राथमिकता’ है और सितंबर तक मेगा स्पेक्ट्रम नीलामी पूरी होने पर अगले 4-5 महीने में इसमें ‘गुणवत्तापरक सुधार’ की उम्मीद है। सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता कॉल ड्रॉप का समाधान है। हमें 4-5 महीने में गुणवत्तापरक सुधार की अपेक्षा है। हम जल्द ही स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि सितंबर आखिर तक यह होगी, जिससे कॉल ड्रॉप की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी।’ दूरसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों के अनुसार कॉल ड्रॉप की समस्या वित्त वर्ष 2015 के आखिर में दोगुनी हो गई जबकि जनवरी मार्च तिमाही में उद्योग औसत बदतर होकर 12.5 प्रतिशत हो गया जो मार्च 2014 में 2जी नेटवर्क पर 6.01 प्रतिशत था। सिन्हा ने कहा, ‘स्पेक्ट्रम नीलामी का कुल आरक्षित मूल्य लगभग 5.66 लाख करोड़ रूपये रहना अनुमानित है। हम इसे पारदर्शी तरीके से करेंगे। सरकार को 1.1 लाख करोड़ रूपये से अधिक की बोली मिली है। बोली पूरी होने के बाद ही में पता चलेगा कि सरकार को कितनी राशि मिलने जा रही है।’ स्पेक्ट्रम की मात्रा तथा नीलाम किए जाने वाले स्पेक्ट्रम के मूल्य के लिहाज से यह सबसे बड़ी नीलामी होगी।
इसके तहत लगभग 2300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को ब्रिकी के लिए पेश किया जाएगा। सरकार 700 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज व 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में की ब्रिकी करेगी। सरकार पहले स्पेक्ट्रम नीलामी जुलाई मध्य से शुरू करना चाहती थी लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सालाना शुल्कों के बारे में दूरसंचार नियामक ट्राई की राय जानने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी कॉल ड्रॉप मुद्दे को सुलझाने पर जोर दे रहे थे लेकिन ट्राई के नमूना परीक्षण में पाया गया कि ज्यादातर कंपनियां सेवा गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं।