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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया मनमानी, भ्रष्ट, दुर्भावनापूर्ण, असंवैधानिक और जनहित के खिलाफ थी। उनका आरोप है कि टाटा संस के पक्ष में धांधली की गई है। उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और एक याचिका दायर की है।

स्वामी ने मौजूदा एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के संबंध में अधिकारियों द्वारा किसी भी अग्रिम कार्रवाई या निर्णय या अनुमोदन अथवा अनुमति को रद्द करने का अनुरोध किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अधिवक्ता सत्य सबरवाल के जरिए दायर याचिका में अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने का भी अनुरोध किया है।

गौरतलब है कि पिछले साल 25 अक्टूबर को सरकार ने टाटा संस की एक कंपनी की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।

एयर इंडिया के साथ उसकी सस्ती विमान सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस की भी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। साथ ही उसकी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को दी जाएगी।

आपको बता दें कि जब दो साल पहले सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का ऐलान किया था तब से ही सुब्रमण्यम स्वामी इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सरकार के एलान के साथ ही ट्वीट किया था, "यह डील पूरी तरह से देश हित में नहीं है। ऐसा करके मुझे कोर्ट जाने पर मजबूर किया जा रहा है। हम अपने परिवार के सदस्य को इस तरह से बेच नहीं सकते।"

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