नई दिल्ली: अमेजन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ कोर्ट की शरण ली है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी ने वर्ष 2019 में फ्यूचर ग्रुप के साथ अपनी डील में विदेशी विनिवेश कानूनों के कथित उल्लंघन की जांच रद्द करने की मांग की है। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर विदेशी मुद्रा विनिमय उल्लंघन के कथित आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में स्पष्टीकरण का आग्रह किया।
अमेजन ने 816 पेज की याचिका में आरोप लगाया है कि फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए करार को लेकर उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है। उसे लेकर ईडी की ओर से जारी समन में जो जानकारियां मांगी गई है, वह फ्यूचर ग्रुप की डील से अलग हैं। अमेजन ने पिछले महीने कहा था कि उसे फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए सौदे के संबंध में ईडी से समन मिला है। सूत्र बताते हैं कि अमेजन ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी कारोबार की सामान्य प्रक्रिया में विशिष्ट एवं गोपनीय विधिक सलाह मांगकर अपनी जांच का दायरा बढ़ा रही है। कंपनी ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स कारोबार शुरू करने के बाद की गतिविधियां भी जांच के दायरे में लाई गई हैं।
अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने कहा कि ईडी का उससे ऐसी सूचनाएं मांगना स्वीकृत न्यायिक मानकों के खिलाफ है। हालांकि उसने कहा है कि उसका यह अनुरोध फ्यूचर एवं अमेजन के बीच हुए सौदे में प्रवर्तन निदेशालय की जांच से संबंधित नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, अमेजन ने हाईकोर्ट से इस बारे में भी परामर्श मांगा है कि फ्यूचर-अमेजन सौदे से न जुड़े रहे उसके अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाने के पीछे क्या तर्क है?
बता दें कि अमेजन एवं फ्यूचर ग्रुप के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। फ्यूचर ग्रुप ने गत अगस्त में रिलायंस रिटेल के साथ 24,500 करोड़ रुपये का सौदा किया था। उस सौदे को अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 में हुए अपने निवेश समझौते का उल्लंघन बताया है। हालांकि भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने पिछले हफ्ते फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीद के लिए अमेजन के सौदे को दी गई अपनी मंजूरी निलंबित कर दी। इस बारे में संपर्क किए जाने पर अमेजन ने कोई टिप्पणी नहीं की है।