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मुंबई: रेल मंत्रालय की एक मांग ने केटरिंग, टूरिज़्म और टिकटिंग की सरकारी सहभागी कंपनी आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवेज कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) के शेयरों में बड़ी गिरावट ला दी। हालांकि, इतनी गिरावट देखने के बाद खबर आई कि मंत्रालय ने अपनी मांग को वापस ले लिया है। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में आईआरसीटीसी के शेयरों में 29% की गिरावट दर्ज हुई थी और यह 650.10 रुपये प्रति शेयर की कीमत के साथ इंट्राडे लो यानी दिन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। दरअसल, आईआरसीटीसी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजेज़ को जानकारी दी थी कि रेल मंत्रालय ने कंपनी से सुविधा शुल्क से हुए लाभ का आधा हिस्सा उससे बांटने को कहा है।

आईआरसीटीसी ने गुरुवार की शाम एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि रेलवे मंत्रालय ने 1 नवंबर से उसके कन्वीनिएंस फीस पर मिलने वाले रेवेन्यू को 50:50 के अनुपात में उससे साझा करने को कहा है। हालांकि, जब आईआरसीटीसी के शेयर गिर गए, तो उसके बाद डीआईपीएएम विभाग की ओर से एक ट्वीट कर बताया गया कि सुविधा शुल्क रेवेन्यू पर की गई मांग को रेल मंत्रालय ने वापस ले लिया है।

इसके बाद कंपनी के शेयरों में रिकवरी देखी गई।

बता दें कि सुबह 11.32 पर कंपनी के शेयरों में 4.61% या 42.15 की गिरावट आई थी और स्टॉक 871.35 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से लाल निशान में ट्रेड कर रहा था।

पिछले कारोबारी सत्र में आईआरसीटीसी के शेयरों की स्प्लिट ट्रेडिंग शुरू की थी, जिसके बाद इसके शेयरों में गुरुवार को 20 फीसदी की तेजी दर्ज हुई थी। कंपनी के शेयर 1:5 अनुपात में स्प्लिट हुए। आईआरसीटीसी बोर्ड ने स्प्लिट करने की घोषणा 12 अगस्त को की थी। इसे रेलवे मंत्रालय ने भी अपनी मंजूरी दी थी। स्टॉक स्प्लिट के प्रोसेस में दो महीनों का वक्त लगा।


सरकारी कंपनी आईआरसीटीसी का रेलवे में टिकट बुकिंग से लेकर फूड, केटरिंग, स्टेइंग फैसिलिटी वगैरह में एकछत्र राज चलता है।

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