मुंबई: भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बचत की दर को बढ़ाने तथा आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए आयकर समाप्त किए जाने की वकालत की है। इसके अलावा उन्होंने कालेधन को लाने के लिए कर पनाहगाहों में जमा कोष का राष्ट्रीयकरण करने का भी सुझाव दिया। स्वामी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्री अरण जेटली चूंकि खुद वकील है तो वह उन लोगों के अधिकारों के बारे में जानते हैं जिन्होंने काला धन विदेशों में जमा किया हुआ है। इसलिए उन्होंने इस तरीके का इस्तेमाल नहीं किया। स्वामी ने कहा, ‘यदि मैं सरकार में होऊं तो यह काम एक हफ्ते में कर दूंगा। यदि मैं सरकार में नहीं हूं, तो मैं आयकर तीन साल में समाप्त कर दूंगा। आज लोगों को अधिक बचत के लिए आयकर को पूरी तरह समाप्त करके ही प्रोत्साहित किया जा सकता है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर अधिकारियों से कर आधार बढ़ाकर 10 करोड़ लोगों का करने को कहा है। वहीं स्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय बचत दर घटकर 33 प्रतिशत पर आ गई है जिसे बढ़ाकर कम से कम 40 प्रतिशत करने की जरूरत है। स्वामी ने कहा कि बचत दर बढ़ने से वृद्धि के लिए संसाधन मिलेंगे और आयकर समाप्त होने से जो 2,000 अरब रपये जाएंगे उनकी काफी हद तक भरपाई हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी समाप्त करने के लिए देश को कम से कम एक दशक तक 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है। भाजपा नेता ने दावा किया कि 1,20,000 अरब रपये या कर संग्रहण का 60 गुना कर पनाहगाहों में जमा है जिसे वापस लाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बातचीत का उल्लेख करते हुए स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री काला धन वापस लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मंजूर तरीका यानी ऐसे कोष का राष्ट्रीयकरण किए जाने के तरीके को प्राथमिकता दिये जाने के पक्ष में हैं।