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पणजी: बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बिजली की चोरी करने वाले को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि उद्योग के साथ बड़े लोग इसमें शामिल हैं न कि गरीब। राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन में गोयल ने कहा, 'लाइनमैन तथा विभाग के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की जाती है और हो सकता है इसमें राजनेता भी शामिल हों।' उन्होंने बिजली चोरी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे आम लोगों को लाभ होगा। गोयल ने कहा, 'मैं यह जिक्र करना चाहूंगा कि यह मामला गरीब लोगों से जुड़ा नहीं है। मत सोचिये कि अगर आपने बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई की तो आप राजनीतिक रूप से प्रभावित होंगे। गरीब लोग बिजली चोरी में शामिल नहीं हैं। किसान यह काम नहीं करता क्योंकि उसे पहले से सस्ती बिजली मिल रही है।' उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतम चोरी उद्योग के क्षेत्र में है और बड़े लोग भी इसमें शामिल है। मुझे लगता है कि चोरी रोकने में राजनीतिक लाभ है क्योंकि इसके जरिये आप आम लोगों के बिजली बिल में कमी लाकर उन्हें लाभ पहुंचाएंगे।’’ गोयल ने कहा, ‘‘अगर आपने ईमानदारी से काम किया और आप लोगों को यह बताने में कामयाब रहे कि आप उनके लाभ के लिये कुछ कर रहे हैं, तब मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि राजनीतिक रूप से बिजली चोरी रोकने में काफी लाभ है।’’ केंद्रीय मंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी की जिन्होंने राज्य घाटे में चल रहे बिजली क्षेत्र को लाभ कमाने वाली इकाई में तब्दील कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह गुजरात से सीखा है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने पहले साल बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। यह 2002 की बात है और उनकी आलोचना भी हुई। गोयल ने कहा, ‘‘करीब एक लाख एफआईआर दायर किये गये और यहां तक कि भाजपा कार्यकर्ता भी जेल गये। लेकिन इस कदम से मोदी राज्य में बिजली परिदृश्य सुधारने में कामयाब हुए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘14 वर्ष पहले जब मोदी मुख्यमंत्री बने गुजरात में बिजली कंपनियां 2,500 करोड़ रपये के घाटे में थी। दो-तीन साल में ही उन्होंने बिना बिजली की दरें बढ़ाये घाटे को मुनाफे में तब्दील कर दिया।’’ गोयल ने कहा, ‘‘फिलहाल गुजरात में सबसे कम बिजली दरें हैं और इसके बाद भी वहां की बिजली कंपनियां मुनाफे में हैं..।’’

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