नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्र सरकार के 30 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की एक बड़ी सौगात जल्द ही मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए गठित सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति की मंगलवार को बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक़ अधिकार प्राप्त इस समिति की यह आखिरी बैठक थी। गौरतलब है कि वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जनवरी 2016 को इस समिति का गठन किया गया था ताकि सातवां वेतन आयोग लागू करने को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके। समिति ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी है। सरकार पहले ही साफ़ कर चुकी है कि इस समिति की रिपोर्ट को वह पूरी तरह से लागू करेगी। मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सचिवों की समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि रिपोर्ट को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ पहुंचता है। सूत्रों के मुताबिक़ सरकार अब इस समिति की सिफारिश के आधार पर सातवें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करेगी। वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18000 और अधिकतम 250000 करने की सिफारिश की है। साथ ही कैबिनेट सचिव और समान स्तर के सरकारी अधिकारियों के लिए सर्वाधिक 250000 रुपये वेतन करने की सिफारिश की गई है। ख़बरों के मुताबिक बढ़ा वेतन जुलाई में दिया जा सकता है, जो 1 अगस्त को कर्मचारियों के खाते में पहुंचेगा।
छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी लिहाज़ा कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। कहा जा रहा है कि नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई 'पे ग्रेड' व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कर्मचारियों के मूल वेतन में 16 फीसदी भत्तों में 63फीसदी और पेंशन में 24फीसदी इजाफे की सिफारिश की गई है। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.50 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपये आम बजट पर जाएगा।