नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को 2010-15 के दौरान परिचालन से 5,022 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोष की उपलब्धता के बावजूद इस दौरान एक भी बस की खरीद नहीं की जा सकी, जबकि मौजूदा बसों के खराब होने के मामलों में इजाफा हुआ। कैग की डीटीसी के प्रदर्शन पर दिल्ली विधानसभा में पेश ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि निगम ने क्लस्टर बसों जो तय हुआ था उससे अधिक खरीद की जिससे उसकी आमदनी अर्जित करने की क्षमता प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च, 2015 तक निगम 791 में से 574 रूटों पर परिचालन कर रहा था और इसमें से कोई भी रूट मुनाफे में नहीं था। कुछेक रूट से वैरिएबल लागत भी नहीं निकाल पा रहे थे। ऐसे में निगम को 2010-15 के दौरान 5,022.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वर्ष 2010-11 में परिचालन नुकसान 741.09 करोड़ रुपये का हुआ, जो 2014-15 में बढ़कर 1,273.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
डीटीसी का प्रति किलोमीटर खर्च 2010-11 में 113.60 रुपये था जो 2014-15 में बढ़कर 177.50 रुपये हो गया।