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वाशिंगटन: भारत में 2015 के दौरान निजी-सार्वजनिक भागीदारी वाल क्षेत्रों में निवेश 10 साल के न्यूनतम स्तर पर रहा जिससे वैश्विक स्तर पर इस तरह का निवेश और संकुचित हो पांच साल के औसत स्तर 124.1 अरब डालर से कम रहा। यह बात विश्वबैंक ने कही है। विश्वबैंक ने अपनी सालाना रपट में कहा कि 2015 में वैश्विक निवेश इस तरह का निवेश घटकर 111.6 अरब डालर रह गया। बुनियादी ढांचा डाटाबेस में निजी भागीदारी पर विश्वबैंक की कल जारी रपट में कहा गया है , ‘‘यह संकुचन ब्राजील, चीन और भारत में कम निवेश कम होने के कारण हुआ है।’’ विश्वबैंक ने कहा, ‘‘भारत में निवेश 10 साल के न्यूनतम स्तर पर रहा क्योंकि सिर्फ छह सड़क परियोजनाओं में ही वित्त की व्यवस्था हो सकी जबकि 10 साल से सड़क क्षेत्र निजी सार्वजनिक निवेश का सामान्यत: एक बड़ा स्रोत था।’’ दक्षिण एशिया में इस क्षेत्र में 5.6 अरब डालर के कुल 43 सौदे हुए जो कुल निवेश का पांच प्रतिशत है। यह इससे पिछले पांच साल के 30.5 अरब डालर के औसत से 82 प्रतिशत कम है। बैंक ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रझान बरकरार रखते हुए इनमें से ज्यादा तर परियोजनाएं भारत में उभरीं :43 में से 36:, पाकिस्तान में चार, नेपाल में दो और बांग्लादेश में एक परियोजनाओं में निवेश आया।

उल्लेखनीय है कि 36 परियोजनाओं में से दो अरब डालर की 26 परियोजनाएं नवीकरणीय उर्जा से जुड़ी हैं जबकि पाकिस्तान की 74.99 करोड़ डालर की सभी परियोजनाएं नवीकरणीय परियोजनाओं से जुड़ी हैं।’’

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