कोलकाता: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि देशभर में एकल कर व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से लाया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स या जीएसटी) सालों से अटका पड़ा था, लेकिन अब अंततः उसे तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्यों का समर्थन मिल गया है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने कोलकाता में 22 राज्यों के वित्तमंत्रियों तथा शेष सात के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, ताकि इस बिल को लेकर मतैक्य स्थापित किया जा सके। मुलाकात के बाद जेटली ने कहा, "वस्तुतः सभी राज्यों ने जीएसटी का समर्थन किया है, बस, तमिलनाडु ने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं..." राज्यों के वित्तमंत्रियों की विशेष समिति की दो-दिवसीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने कहा कि आज की चर्चा में 'रिकॉर्ड हाजिरी' दर्ज की गई। उन्होंने कहा, "मैं वास्तव में आदरणीय मंत्रियों के पेशेवर अंदाज़ से अभिभूत हुआ हूं... हम कोशिश करेंगे कि अगली बैठक जुलाई के दूसरे सप्ताह में तय की जा सके..." वर्ष 1947 में भारत की स्वाधीनता के बाद से अब तक के सबसे बड़े प्रस्तावित टैक्स बदलाव के तहत बहुत-से केंद्रीय और राज्यीय करों के स्थान पर नया कर जीएसटी आ जाएगा। इस टैक्स बदलाव की जनक कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह इसका समर्थन करेगी, यदि केंद्र सरकार ऊपरी कर सीमा के तौर पर 18 प्रतिशत को सुनिश्चित करे, और राज्यों के बीच कर बंटवारे को लेकर होने वाले विवादों के लिए स्वतंत्र व्यवस्था स्थापित करे।
अब केंद्र सरकार को आशा है कि लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका यह बिल अब संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन, यानी राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।