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मुंबई: सोने के आभूषण निर्माताओं व जौहरियों की 18 दिन लंबी हड़ताल के कारण इस उद्योग को 60000 से 70000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। यह हड़ताल शनिवार रात समाप्त हो गई। इस बीच जौहरियों के मुद्दों पर विचार के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है जो कि अपनी रपट दो महीने में सरकार को सौंपेगी। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के एक बयान में कहा है कि 18 दिन की हड़ताल के कारण उद्योग को ‘60,000-70000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’ उल्लेखनीय है कि जौहरियों ने सरकार के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल शनिवार रात समाप्त कर दी। सरकार ने जौहरियों को आश्वस्त यिका कि उत्पाद शुल्क अधिकारी व्यापारियों का किसी तरह का उत्पीड़न नहीं करेंगे और न ही कोई ‘इंस्पेक्टर राज’ आएगा। जौहरियों के मुद्दों पर विचार के लिए तीन सदस्य समिति अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी की अध्यक्षता में गठित की गई है।

परिषद का कहना है कि यह समिति अपनी रपट 60 दिन में सरकार को सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि जौहरी संगठनों जीजेएफ, इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन तथा रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने कल वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात के बाद सर्वसम्मति से हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।

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