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नई दिल्ली: सरकार ने अगले वित्त वर्ष में स्टार्ट-अप्स के वित्त पोषण के लिए अपने बजट में पांच गुना वृद्धि की है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ की तर्ज पर उठाया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 में यह 50-80 नए उद्यमों को प्रति कंपनी 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की फंडिंग उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए कुल वित्त पोषण 40 करोड़ रपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिया है। शर्मा ने कहा, ‘स्टार्ट-अप्स के लिए फंडिंग हमेशा से ही एक समस्या रही है। शुरुआती पूंजी के साथ ये स्टार्ट-अप्स वेंचर पूंजीपतियों या अन्य फंडिंग एजेंसियों से संपर्क कर सकते हैं।’ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े नए उद्यमों के लिए एक प्रमुख फंडिंग एजेन्सी है। एक कंसल्टेंसी फर्म द्वारा डीएसटी की ओर से किए गए एक आंतरिक अध्ययन का हवाला देते हुए शर्मा ने कहा कि इसने पिछले नौ वषरें में स्टार्टअप्स में 200 करोड़ रुपये निवेश किया है और इन उद्यमों का मूल्य बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है जहां 10,000 नौकरियों का सृजन हुआ है।

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