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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी, लाभ एवं सेवाओं की लक्षित आपूर्ति) विधेयक-2016 पेश किया। विधेयक को धन विधेयक के रूप में पेश किया गया है। इसे धन विधेयक के रूप में पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "कांग्रेस विधेयक पर सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन इसे धन विधेयक के तौर पर पेश नहीं किया जाना चाहिए। राज्यसभा से बचने के लिए वे इसे धन विधेयक के रूप में पेश कर रहे हैं।" बीजू जनता दल (बीजद) नेता भर्तृहरि महताब ने भी विधेयक का विरोध करते हुए मंत्री से स्पष्टीकरण मांगा। महताब ने कहा, "विधेयक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने लाया था। बाद में इसे स्थायी समिति के हवाले कर दिया गया था। कई सिफारिशें भी की गई थीं, लेकिन राज्यसभा में इसकी स्थिति का मुझे अभी पता नहीं है। आधार संख्या को लेकर कई विवादित मुद्दे हैं और इसे सर्वोच्च न्यायालय के हवाले भी किया गया था।"

जेटली ने कहा, "यह विधेयक संप्रग द्वारा लाए गए विधेयक से काफी अलग है और इसपर फैसला करना अध्यक्ष के हाथ में है। विधेयक का मूल उद्देश्य यह है कि जिसे भी सब्सिडी चाहिए उसे आधार पेश करना होगा।" विधेयक में आम आदमी को एक अनूठा नंबर देकर लोक निधि से सुशासन, सक्षम, पारदर्शी और लक्षित सब्सिडी, लाभ तथा सेवा की आपूर्ति देने का प्रावधान किया गया है।

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