नई दिल्ली: देश की विकास दर बढ़ने का प्रमुख कारण सरकारी खर्च की गुणवत्ता है, जिसमें वर्तमान वित्त वर्ष में काफी सुधार हुआ है। यह बात केंद्रीय वित्त सचिव रतन पी. वटल ने कही। उन्होंने माह के अंत में पेश होने वाले आम बजट से पहले मंत्रालय के यूट्यूब चैनल पर दिए गए अपने एक साक्षात्कार में कहा, 'मौजूदा वित्त वर्ष में संपत्ति निर्माण में हुए हमारे पूंजीगत खर्च में राजस्व खर्च से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका उपयोग वेतन भुगतान और किराए में होता है। इसके कारण विकास दर बढ़ी है।' उन्होंने कहा, 'कई साल बाद ऐसा हुआ है। इस कारण से भी अधिक विकास दर दर्ज की गई है।' उन्होंने कहा, 'खर्च की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है।' आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल-दिसंबर अवधि में योजना मद में खर्च बजट अनुमान का 74.4 फीसदी हुआ, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 61.3 फीसदी था।
खासकर पूंजी खाते में यह इस अवधि में 85.3 फीसदी रहा है, जो एक साल पहले 57.9 फीसदी था। सरकार ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में 3.9 फीसदी वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा है, जो गत वर्ष चार फीसदी था। साथ ही 2016-17 में 3.5 फीसदी वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा गया है। विकास दर तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी रही, जो दूसरी तिमाही में 7.7 फीसदी थी और साल भर पहले समान अवधि में 7.1 फीसदी थी।