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नई दिल्ली: श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी है जिसके तहत केंद्र को पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार होगा। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने श्रम सुधार पर आयोजित एक गोष्ठी के बाद कहा, ‘‘हमने वेतन संहिता विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेज दिया है। हम सप्ताह भर में औद्योगिक संबंध पर श्रम संहिता विधेयक भी भेजेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन के लिए एक प्रणाली तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ फिलहाल, केंद्र और राज्यों को विभिन्न क्षेत्रों के लिए अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार है। मंजूरी मिलने पर वेतन संहिता के तहत कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने की मंजूरी होगी जिसका अनुपालन राज्य भी करेंगे।

इस प्रावधान से सुनिश्चित होगा कि देश भर में कामगारों को न्यूनतम वेतन मिले। हालांकि, राज्य इससे ज्यादा वेतन की सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र होंगे। श्रम मंत्रालय अगले सप्ताह शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में वेतन संहिता और औद्योगिक संबंध संहिता को आगे बढ़ाएगा। अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय महीने भर में सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण पर श्रम संहिता और सुरक्षा एवं काम करने की परिस्थितियों से जुड़ी श्रम संहिता को अंतिम स्वरूप दिया जाएगा। केंद्र, श्रम सुधार के जरिए 44 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं .. वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा एवं संरक्षा - में तब्दील करना चाहती है। मंत्रालय कामगारों को नियुक्त करने में लचीलापन प्रदान कर कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ा रहा है।

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