मुंबई: ‘मेक इन इंडिया’ को भारत का अब तक का सबसे बड़ा ब्रांड बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार ) निवेशकों को विश्वसनीय व पारदर्शी कर प्रणाली और सरल लाइसेंसिंग तथा मंजूरी प्रक्रिया का वादा किया। मोदी ने यहां ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के उद्घाटन कार्य्रकम में निवेशकों को ये आश्वासन देते हुये कहा, ‘हम पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था बहाल नहीं करेंगे। हम अपनी कर प्रणाली को पारदर्शी, स्थिर व विश्वसनीय बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा,‘ हम लाइसेंस, सुरक्षा व पर्यावरणीय मंजूरी जैसी प्रक्रियाओं को भी सरल कर रहे हैं।’ इस अवसर पर कई देशों के शीर्ष नेता, उद्योगपति व विदेशी प्रतिनिधि मौजूद थे। मोदी ने कहा, ‘इस :मेक इन इंडिया: ब्रांड ने संस्थानों, उद्योगों, व्यक्तियों व मीडिया की कल्पना को पकड़ा है.. यह हमारी सामूहिक इच्छा को परिलक्षित करता है और हमें सुधार करने व दक्षता बढाने को प्रोत्साहित कर रहा है।’
मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: के लिए भारत संभवत: सबसे खुला देश है। मई 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से एफडीआई प्रवाह 48 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र :हब: बनाना चाहते हैं।’ और अब चौतरफा जोर ‘व्यापार सुगमता’ पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'भारत की 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से नीचे (युवा) हैं। हम भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना चाहते हैं। हम हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत विनिर्माण चाहते हैं। हम जानते हैं इस कैंपेन के दबाव में सरकारी मशीनरी को पॉलिसी में कुछ संशोधन करने की आवश्यकता होंगे। यह कार्यक्रम हमारे विकास को दर्शाता है। यह भारत में लगाई गई सबसे बड़ी व्यापार प्रदर्शनी है।' प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'साल भर में मेक इन इंडिया भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्लान बन गया है। आज भारत संभवत: एफडीआई के लिए सबसे खुला देश है। यह एक समय में है जब वैश्विक एफडीआई में गिरावट आई है।मैं रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लागू नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।' इस कार्यक्रम में स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री जुहा सिपिला भी मौजूद रहे। साथ ही 49 देशों से सरकारी प्रतिनिधि और 68 देशों के व्यापारिक प्रतिनिधि भी इस प्रोग्राम में शामिल हुए।