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ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके आवास ढाका पैलेस में सैकड़ों प्रदर्शनकारी घुस गए। इसके बाद वो सैन्य हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हुई हैं। इस बात की जानकारी प्रोथोम एलो डेली ने दी है। सोमवार को 2:30 बजे शेख हसीना को लेकर सैन्य हेलीकॉप्टर बंगभवन से रवाना हुआ। उस समय उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी उनके साथ थीं। संबंधित सूत्रों ने बताया कि वे हेलीकॉप्टर से भारत के पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुईं हैं।

इससे पहले मीडिया रिपोर्टस में सूत्रों का हवाला देते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन को आधिकारिक आवास से दूर एक सुरक्षित आश्रय में ले जाया गया है। उसके थोड़ी देर बाद ही एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम हसीना भारत के लिए रवाना हो गई हैं।

बांग्लादेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां के प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शनकारी घुस गए हैं। वहीं, देश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमां जल्द ही देश को संबोधित करने वाले हैं। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं।

दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।

पद से दे सकती हैं इस्तीफा: पीएम के वरिष्ठ सलाहकार

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना के एक वरिष्ठ सलाहकार ने सोमवार को बताया कि ऐसी उम्मीद है कि पीएम अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं। नाम न छापने की शर्त पर सहयोगी ने कहा, 'हालात ऐसे बन रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह कैसे होगा।'

हसीना के बेटे ने सुरक्षा बलों से किया अनुरोध

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने सुरक्षा बलों से सरकार से जुड़े लोगों के अलावा सभी उपद्रवियों को रोकने का अनुरोध किया है। अमेरिका में रहने वाले जॉय ने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'आपका कर्तव्य हमारे लोगों और हमारे देश को सुरक्षित रखना और संविधान को बनाए रखना है।'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'इसका मतलब है कि किसी भी अनिर्वाचित सरकार को एक मिनट के लिए भी सत्ता में न आने दें, यह आपका कर्तव्य है।'

पीएम हसीना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में काम करने वाले जॉय ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें कार्यालय से बाहर कर दिया गया तो बांग्लादेश द्वारा की गई प्रगति खतरे में पड़ सकती है। हमारा विकास और प्रगति सब कुछ गायब हो जाएगा। बांग्लादेश वहां से वापसी नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा नहीं चाहता और आप भी ऐसा नहीं चाहते। मैं जब तक इसे रोक सकता हूं, तबतक ऐसा नहीं होने दूंगा।'

हिंसा के बीच सेना की भूमिका

एक सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इन तनावों के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकर-उज-जमां देश को संबोधित करने वाले हैं। सिविल सेवा नौकरियों के कोटा के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुई रैलियां हसीना के 15 साल के कार्यकाल की सबसे गंभीर अशांति में बदल गई हैं और उनके इस्तीफे की व्यापक मांग में बदल गई हैं। वर्तमान हालात बांग्लादेश में अतीत की राजनीतिक उथल-पुथल की गूंज है।

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