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वाशिंगटन डीसी: 81 वर्षीय डेमोक्रेट नेता जो बाइडन ट्रंप के खिलाफ ताल नहीं ठोकेंगे। उन्होंने चुनाव से नाम वापस लेने का एलान करते हुए कहा कि उनका रेस में बने रहना देश के हित में नहीं है। अमेरिका की इस अप्रत्याशित राजनीतिक घटना पर सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। बाइडन को लेकर अक्सर आक्रामक तेवर दिखाने वाले रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन के नाम वापस लेने की घोषणा के बाद कहा कि बाइडन की गैरहाजिरी में अगर भारतवंशी नेता कमला हैरिस को डेमोक्रेट खेमे की तरफ से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया जाता है तो उन्हें हराना और भी आसान होगा।

बाइडन ने पहले ही दे दिए थे संकेत

डेमोक्रेट खेमे की तरफ से बाइडन की नाम वापस लेने की घोषणा अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेट खेमे के लिए बड़ा झटका है। अब उनकी जगह भारतवंशी कमला हैरिस को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। कमला हैरिस डेमोक्रेट खेमे की पहली पसंद के रूप में इसलिए उभर सकती हैं क्योंकि वे बाइडन की रनिंग मेट और उपराष्ट्रपति के रूप में अमेरिकी राजनीति में अपनी छाप छोड़ने में सफल रही हैं।

कमला हैरिस का प्रत्याशी बनना इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है, क्योंकि बाइडन ने एनएएसीपी के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रपति बन सकती हैं। राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया था, जब उन्हें चुनाव की दौड़ से हटाने को लेकर लगातार मांग चल रही थी।

बहस में पिछड़ने के बाद कमजोर होते गए जो बाइडन

राष्ट्रपति चुनाव की पहली बहस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप, जो बाइडन पर भारी पड़े थे। इसके बाद चुनाव प्रचार में भी ट्रंप बाइडन से आगे निकल गए। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर से ही बाइडन के खिलाफ आवाजें उठने लगीं थीं। पार्टी के लोग ट्रंप से बहस में पिछड़ने के बाद बाइडन को राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर निकलने की अपील कर रहे थे। ऐसे में बाइडन पर चुनाव ना लड़ने का दबाव बन रहा था।

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