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बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को कहा कि सीमा मुद्दे की समाधान प्रक्रिया से कारोबारी संबंधों समेत भारत के साथ संबंधों का सामान्य विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'चीन का हमेशा से मानना है कि भारत-चीन सीमा का प्रश्न ऐतिहासिक मुद्दा है और इसे हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थान देने के साथ ही उचित तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।' माओ निंग विश्व आर्थिक मंच में एक भारतीय अधिकारी की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रया व्यक्त कर रही थीं कि सीमा पर संबंधों में स्थायित्व आने के बाद चीन के लिए भारत के निवेश नियम बदल सकते हैं।

भारत-चीन संबंधों पर चीन के रुख को दोहराते हुए माओ निंग ने कहा, 'भारत-चीन सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है और समाधान प्रक्रिया का असर हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य विकास पर नहीं पड़ना चाहिए।'

हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत-चीन के संबंधों में मई, 2020 से ठहराव है। चीन सभी द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करके हजारों सैनिकों को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ले आया हैं।

उन्होंने कहा, सभी द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करके चीनी सचमुच पूरी सैन्य तैयारी के मोड में हजारों सैनिकों को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ले आए हैं। जून, 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवन घाटी में भीषण संघर्ष के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया था।

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