इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता के लिए वह गंभीर प्रयास कर रहा है लेकिन साथ ही कहा कि बातचीत की व्यवस्था के लिए केवल वही जिम्मेदार नहीं है। ‘डॉन’ ने विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया को यह कहते हुए उद्धृत किया है कि अफगानिस्तान में शांति लाने के वास्ते कोशिशों को गति देने के लिए चार पक्षों का समूह बनाया गया इसलिए इसकी नाकामी में अकेला पाकिस्तान ही जिम्मेदार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करता है और आतंकी गुटों के बीच भेद नहीं करता। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान में शांति पाकिस्तान के बेहतर हित में है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा था कि अफगानिस्तान को अब उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान तालिबान को बातचीत के लिए राजी कर पाएगा। पिछले सप्ताह काबुल में हमले के बाद कठोर रूख अपनाते हुए गनी ने अफगान तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करने से मना करने पर पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाने की धमकी दी थी।
हमले में 64 लोगों की मौत हो गई थी।