ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने चीनी विद्रोही नेता डोल्कन ईसा को वीजा देने को लेकर भारत के समक्ष कूटनीतिक माध्यम से अपनी चिंता जताई थी और आशा जताई कि दोनों देश इस मसले से उपयुक्त तरीके से निपटेंगे। भारत की ओर से ईसा का वीजा रद्द करने का फैसला लेने से पहले चीन ने अपनी चिंता व्यक्त की थी। संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत द्वारा ईसा का वीजा रद्द किए जाने के संबंध में सवाल करने पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, 'हमने संबंधित खबर देखी है। पहले हमने देखा कि भारत डोल्कन को वीजा देने की योजना बना रहा है, और हमने तुरंत भारत के समक्ष अपनी चिंता जताई। डोल्कन इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ पर है और हम मानते हैं कि उसे न्याय की जद में लाना सभी देशों की जिम्मेदारी है।' उन्होंने कहा, 'वर्तमान में चीन और भारत के बीच संवाद संचार बहुत अच्छा है और हम आशा करते हैं कि दोनों देश संबंधित मुद्दों से ठीक तरीके से निपटेंगे।' बाद में अधिकारियों ने बताया कि चीन ने कूटनीतिक माध्यम से अपनी चिंता भारत के समक्ष जताई थी। उन्होंने बताया कि यह विरोध नहीं था,

बल्कि चीन ने सिर्फ अपनी चिंता भारत को बताई थी। डोल्कन ईसा शिंजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्थान ‘वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस’ (डब्ल्यूयूसी) के प्रमुख हैं। देश के विभिन्न भागों से आकर हांस में बसने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के कारण शिंजियांग लंबे समय से अशांत बना हुआ है। तुर्की मूल की एक करोड़ उइगुर आबादी वाला शिंजियांग हांस की बस्तियों को लेकर लंबे वक्त से अशांत बना हुआ है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख