काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने मंगलवार को कहा कि विदेशों के लिए नेपाल 'प्रयोगशाला' नहीं बनेगा, जहां वे अपने प्रयोग कर सकें। हालांकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे मधेशियों को नए सिरे से बातचीत के लिए बुलाया है, ताकि नए संविधान पर मतभेदों को सुलझाया जा सके। नेपाली नववर्ष की पूर्व संध्या पर टीवी के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए ओली ने विरोध कर रहे यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेशी फ्रंट (यूडीएमएफ) से कहा कि वह वर्तमान राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए वार्ता के माध्यम से हल खोजे। उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसका लोकतांत्रिक तरीके से हल न किया जा सके।' मधेशी समूह से समिति में शामिल होने का अनुरोध करते हुए ओली ने कहा कि सरकार ने प्रांतीय बंटवारे के विवाद को सुलझाने के लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा के नेतृत्व में एक राजनीतिक समिति का गठन किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी नए संविधान को लागू करना है।
किसी देश का नाम लिए बगैर ही ओली ने कहा कि नेपाल अब किसी भी अन्य देश के लिए प्रयोगशाला नहीं बनेगा।