काठमांडो: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने शुक्रवार को कहा कि उनकी भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य नये संविधान को लेकर विरोध प्रदर्शनों के चलते द्विपक्षीय संबंधों में उपजे मतभेद दूर कर विश्वास बहाली करना है। ओली ने अपनी छह दिवसीय भारत यात्रा से पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘शुक्रवार से शुरू हो रही मेरी यात्रा से हमारे देश को अवश्य लाभ होगा और यात्रा से हमें नुकसान नहीं होगा।’ प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी प्रथम भारत यात्रा होगी। वह नेपाल के नये संविधान सहित कई मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारतीय मूल के लोगों को नागरिकता सहित कई मुद्दे दोनों देशों के बीच बैठक में उठेंगे।
ओली के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी होगा जिसमें उप प्रधानमंत्री कमल थापा, वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडयाल और गृहमंत्री शक्ति बहादुर बासनेत भी शामिल होंगे। नेपाली प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगे। वह शनिवार को मोदी से व्यापक वार्ता करेंगे। दोनों पक्षों के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री अरुण जेटली से भी वह मुलाकात करेंगे। ओली राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से भी मिलेंगे। 63 वर्षीय कम्युनिस्ट नेता ओली ने कहा, ‘दोस्ती भी एक लाभ है और हम उससे कहीं अधिक पाएंगे (यात्रा से)।’ ओली ने कहा कि वार्ता के लिए कोई खास एजेंडा नहीं है क्योंकि यात्रा बहुत जटिल और विशेष परिस्थितियों में हो रही है। उनकी भारत यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। एक सवाल के जवाब में ओली ने कहा कि भारत ने संविधान में किए गए संशोधन का स्वागत करते हुए पहले ही कहा है कि यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है। ओली ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने मधेसियों के प्रदर्शन के चलते सीमा की नाकेबंदी के मद्देनजर भारत के खिलाफ ‘चीनी पत्ता’ खेला है। मधेसियों के विरोध प्रदर्शन के चलते तेल और रसोई गैस सहित आवश्यक वस्तुओं की घोर कमी हो गई। उन्होंने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘यह सच नहीं है कि नेपाल ने भारत के खिलाफ कोई कार्ड खेला है।’ प्रधानमंत्री ओली ने कहा, ‘मैंने किसी देश के खिलाफ कोई पत्ता नहीं खेला है।’ उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘मैं नहीं जानता कि ताश कैसे खेला जाता है।’ 63 वर्षीय ओली ने कहा, ‘एक के खिलाफ दूसरे का इस्तेमाल करने का कोई सवाल नहीं है। हम पारस्परिक सम्मान और हित के आधार पर अपने महान पड़ोसियों के साथ दोस्ताना संबंध विकसित करना चाहते हैं।’ इससे पहले कुछ खबरों में कहा गया था कि भारत-नेपाल सीमा पर गतिरोध के चलते ओली भारत से पहले चीन की यात्रा कर सकते हैं। भारत-नेपाल संबंधों में तनाव के बीच चीन को विशेषज्ञ नेपाल के करीब जाते देख रहे हैं, खासतौर पर भूकंप प्रभावित राष्ट्र को आवश्यक वस्तुएं मुहैया करा कर। ओली ने कहा था कि अपनी भारत यात्रा के एक महीने के अंदर वह करीबी पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की सरकार की नीति के तहत चीन की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री से करीबी तौर पर जुड़े सूत्रों ने बताया कि ओली की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है जिनमें से ज्यादातर वे विषय हैं, जिन पर अतीत में सहमति बनी है। ओली ने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य अनुकूल माहौल बनाना और विश्वास बहाली करना है।