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गुवाहाटी: बांग्लादेशी घुसपैठ पर शुक्रवार को ऑल असम स्टुडेंट यूनियन (एएएसयू)के नेता समुज्जल भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है। अपने हालिया बयान में भट्टाचार्य ने कहा कि असम में अवैध रूप से रह रहे हिन्दू या मुसलमान बांग्लादेशी असम छोड़कर चले जाएं यह प्रदेश बांग्लादेशियों के लिए डंपिंग ग्राउंड नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कानून बनाया गया है वह बिल्कुल सही है सन् 1971 से पहले जो यहां आकर बस गए वे तो यहां के नागरिक कहलाएंगे लेकिन जो सन् 71 के बाद यहां आए हैं वे अवैध हैं वे मुसलमान हों चाहे वे हिन्दू हों। असम की राजनीति में इस बयान को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।

आपकी जानकारी में असम विगत कई वर्षों तक बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध घुसपैठ को लेकर अशांत रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर आज भी असम में कुछ खास गुट के लोग हथियार उठाए हुए हैं और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं। असम में उल्फा नामक संगठन आज भी आतंक का पर्याय बना हुआ है। यह संगठन असम से गैर असमियों को भगाने और राज्य में पूर्ण रूपेण असमियों की सत्ता स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। अभी वर्तमान में असम के अंदर भारतीय जनता पार्टी और असम गण परिषद् की गठबंधन सरकार चल रही है।

आजसू असम गण परिषद् की समर्थक मानी जाती है। ऐसे में इस बयान से गठबंधन पर भी प्रभाव पडऩे की पूरी संभावना दिख रही है। आपको बता दें कि बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में असम गण परिषद् और भाजपा का रुख अलग-अलग है। भाजपा हिन्दुओं को घुसपैठिया नहीं मानती है जबकि गण परिषद् दोनों को इसी श्रेणी में रखता है। इस बयान के बाद से ऐसी संभावना दिख रही है कि असम गण परिषद् और भाजपा में भी बात बिगड़ सकती है।

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