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गुवाहाटी: गुवाहाटी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। सुरक्षा अधिकारियों ने एक महिला को कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि वो यह जानना चाहते थे कि महिला गर्भवती है या नहीं। चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़ित दंपत्ति दिल्ली से हवाई यात्रा करके ही गुवाहाटी आया था एवं यह घटना वापस लौटते समय हुई। पति बार-बार दोहराता रहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है और उन्हे दिल्ली से यात्रा की अनुमति दी गई थी, अत: यहां कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए लेकिन उसकी एक नहीं मानी गई। सुरक्षा अधिकारी ने गर्भवती महिला के पेट पर धक्का देकर जांच किया कि अंदर शिशु है या नहीं।

ये घटना रविवार की है जब ये महिला अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के बाद असम से दिल्ली लौट रही थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार को शिवम सरमा और उनकी पत्नी डॉली गोस्वामी स्पाइस जेट की फ्लाइट संख्या एसजी-169 से दिल्ली जा रहे थे। डॉली 25 हफ्ते से प्रेगनेंट थी और उन्हें कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मैंने गुवाहाटी एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के स्टाफ से व्हीलचेयर मांगी तो उन्होंने दे दी। हालांकि, एयरलाइन ने बोर्डिंग पास देने से पहले मेरे प्रेगनेंसी को लेकर कई सवाल किए।

बाद में उन लोगों ने बोर्डिंग पास वापस करने से इनकार कर दिया। जब हमने सुरक्षा जांच अधिकारियों से संपर्क किया, तो सीआईएसएफ कर्मचारियों ने बोर्डिंग पास नहीं दी और मेरी पत्नी से प्रेगनेंसी का सबूत दिखाने के लिए कहा। शिवम और उसकी पत्नी ने सीआएसएफ के महिला अधिकारी को प्रेगनेंसी के बारे में बताया। इन दोनों ने 12 जून का दिल्ली से गुवाहाटी का बोर्डिंग पास भी दिखाया।

शिवम ने कहा, '11 जून को मेरी पत्नी के पिता का देहांत हो गया था। हमें दिल्ली में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन गुवाहाटी में, सीआईएसएफ कर्मचारियों ने प्रेगनेंसी का सबूत मांगा। पेट पर धक्का भी मारा आखिरकार सीआईएसएफ के अधिकारी नहीं माने उन्होंने आगे कहा, 'मुझे अपनी वाइफ को एक कमरे में ले जाने को कहा गया। जहां उसके कपड़े उतरवाए गए। इतना ही नहीं, सीआईएसएफ महिला अधिकारी ने प्रेगनेंसी की जांच करने के लिए मेरी वाइफ के पेट पर भी धक्का मारा।

घटना के दो दिन बाद यानी मंगलवार को सुबह गुवाहाटी के सीआईएसएफ अधिकारी ने व्हाट्सऐप पर इस घटना के लिए माफ़ी मांगी है। सीआईएसएफ के मुताबिक वो महिला अधिकारी ट्रेनी थी और वो चीजों को ठीक तरीके से संभाल नहीं पाई। शिवम ने कहा, 'माफी उन्होंने मांगी है लेकिन मैंने उनसे एक मेल भेजने के लिए कहा है। मुझे पता है कि फ्लाइट में जाने के लिए प्रेगनेंसी के किसी सबूत की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ 28 हफ्ते से ज्यादा गर्भावस्था वाली महिलाओं फिट टू फ्लाइ को सर्टिफिकेट देना होता है।

सीआईएसएफ ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर मामले पर जांच बैठा दी गई है। सुरक्षा जांच के लिए नई महिला सब-इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है और कपड़े उतरवाकर महिला की जांच करने वाली आरोपी सब-इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है।

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