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गुवाहाटी: असम के कई जिले इन दिनों बाढ़ से प्रभाविते हैं। राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ की वजह से सात जिलों में तकरीबन चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक होजाई, कर्बी आंगलांग पूर्व, कर्बी आंगलांग पश्चिम , गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिले में 3.87 लाख लोग प्रभावित हैं। गौरतलब है कि गुरुवार तक राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 1.67 लाख थी. बीते 24 घंटे नदी का स्तर बढ़ने से यह संख्या करीब चार लाख के करीब हो गई है।

राज्य के विभिन्न हिस्से में भूस्खलन और बाढ़ जनित घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा हैलाकांडी जिले में 2.06 लाख लोग, इसके बाद करीमगंज में तकरीबन 1.33 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। एएसडीएमए के अनुसार राज्य में फिलहाल 668 गांव बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ की वजह से अभी तक कुल 1912 हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। स्थानीय प्रशासन के अकेले गुवाहाटी शहर में चार जगहों पर भूस्खलन हुआ। हालांकि इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

बंदरखल और दामछड़ा स्टेशनों के बीच जमीन खिसकने के कारण लामडिंग बदरपुर खंड पर रेल सेवा ठप है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने कहा कि प्रभावित स्थानों पर कार्य प्रगति में है और शुरुआती आकलन के मुताबिक पूरी तरह सेवा बहाल होने में दो-तीन दिन का समय लगेगा। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कर्नाटक में एकाएक हुई बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।

कर्नाटक के मंगलोर और उडुपी में मंगलवार जमकर बारिश हुई। मंगलोर में 9 घंटे तक हुई मूसलाधर बारिश के चलते घुटनों तक पानी भर गया। लोगों और गाड़ियों को सड़कों पर निकलने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मंगलोर में पानी में फंसे स्कूली बच्चों को बोट के सहारे किसी तरह निकाला गया। हालांकि, बुधवार को मंगलोर में सभी स्कूल बंद रहेंगे।

वहीं, दक्षिण कन्नड़ और उदुपी के तटीय जिलों में लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश जारी रही, जिससे निचले इलाके और सड़कें डूब गईं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया। केरल में मंगलवार को मानसून के पहुंचने साथ ही केरल के समुद्री इलाकों और कर्नाटक के मैंगलोर में भारी बारिश हुई। कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान और बाजार बंद रहे। जिन इलाकों में भारी बारिश देखी गई वहां कई पेड़ जड़ से उखड़ गए और बाढ़ जैसे हालात हो गए।

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