ताज़ा खबरें
ज्वलंत मुद्दों पर जवाब नहीं देकर पीएम मोदी ने चुनावी भाषण दिया: विपक्ष
विकसित भारत का सपना कोई सरकारी सपना नहीं है : पीएम मोदी
दिल्ली यानि मिनी इंडिया का चुनाव बना 'पीएम मोदी बनाम केजरीवाल'

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के दोनों धड़ों के बीच अपने चुनाव निशान की लड़ाई चुनाव आयोग की अदालत में अहम पड़ाव पर पहुंचने के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई वाला धड़ा इस बात के लिये आश्वस्त है कि ‘साइकिल’ उसे ही मिलेगी और आगामी विधानसभा चुनाव के बाद स्पष्ट बहुमत भी। अखिलेश द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी एवं चाचा शिवपाल यादव को हटाकर सपा प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये नरेश उत्तम पटेल ने आज (शुक्रवार) यहां संवाददाताओं से कहा कि सपा का चुनाव चिन्ह साइकिल अखिलेश का है और चुनाव आयोग कानून की परिधि में इसे अखिलेश को ही देगा, ऐसा हमारा विश्वास है। यह पूछे जाने पर कि सपा परिवार में जारी जंग की वजह से चुनाव प्रचार का कार्य ठप हो गया है, पटेल ने कहा ‘‘मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले पौने पांच साल के दौरान जनकल्याण के इतने कार्य किये हैं जिनका प्रचार-प्रसार सपा का हर सिपाही कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि सपा मुख्यमंत्री की लोकप्रियता और जनकल्याणकारी कार्यों की बदौलत एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयेगी और अखिलेश एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। चुनाव में हम विकास के मुद्दे के साथ ही जनता के बीच जाएंगे। ‘समाजवादी परिवार’ में जारी झगड़े के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा ‘‘पिता (मुलायम सिंह यादव) और पुत्र (अखिलेश) एक-दूसरे के साथ हैं। हम अखिलेश के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे और नेताजी (मुलायम) हमारा मार्गदर्शन करेंगे।

वह ना सिर्फ पिता बल्कि हमारे नेता भी हैं।’’ सपा में चुनाव निशान को लेकर हो रहे ‘दंगल’ के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके उन्हें निर्वाचन आयोग में जारी कानूनी लड़ाई की फिक्र किये बगैर चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिये थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख