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लखनऊ: रामगोपाल यादव द्वारा आज (रविवार) लखनऊ में बुलाई गई विशेष राष्‍ट्रीय अधिवेशन को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक करार दिया है। उनके मुताबिक रामगोपाल इस तरह की बैठक को बुलाने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसलिए रामगोपाल को एक बार फिर से पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है।मुलायम सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित बताते हुए नरेश अग्रवाल और किरणमोय नंदा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले मुलायम ने रामगोपाल को एक बार फिर पार्टी से निकाल दिया था। मुलायम सिंह यादव ने अपने हस्ताक्षर से पत्र जारी कर कहा कि जनेश्वर मिश्र पार्क में हुआ अधिवेशन अवैध है। उन्होंने प्रो. रामगोपाल यादव को तीसरी बार सपा से छह साल के लिए निकालते हुए 5 जनवरी को आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन जनेश्वर मिश्र पार्क में बुलाया है। अखिलेश यादव के सम्मेलन के कुछ देर बाद ही मुलायम ने कहा कि लखनऊ में आयोजित पार्टी का तथाकथित राष्ट्रीय अधिवेशन असंवैधानिक है। सपा संसदीय बोर्ड इस अधिवेशन में पारित प्रस्तावों और संपूर्ण कार्यवाही को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसकी निंदा करता है। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पूर्व में घोषित 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची का अनुमोदन किया जाता है। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया जाता है कि वह शेष बची सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दें।

संसदीय बोर्ड यह भी निर्णय करता है कि प्रदेश की जनता को जनमत का भ्रम नहीं रहे, इसलिए सपा का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन पांच जनवरी को सुबह 11 बजे जनेश्‍वर मिश्र पार्क में आयोजित किया जाए। इससे पहले शुक्रवार को भी रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था, लेकिन शनिवार को सुलह के तहत उनकी वापसी हो गई थी। अब फिर मुलायम सिंह ने कहा है कि रामगोपाल की बर्खास्‍तगी बरकरार रहेगी। मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को लिखे खत में यह भी कहा कि आज का राष्‍ट्रीय अधिवेशन अवैध है और अब वह पार्टी प्रमुख की हैसियत से पांच जनवरी को राष्‍ट्रीय अधिवेशन बुलाने जा रहे हैं। इससे पहले उन्‍होंने आज सुबह एक खत जारी किया जिसके मुताबिक रामगोपाल यादव इस तरह की बैठक बुलाए जाने के लिए अधिकृत नहीं हैं। मुलायम ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि जो लोग भी इस बैठक में हिस्‍सा लेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस चेतावनी के बावजूद भारी संख्‍या में कार्यकर्ता पहुंचे और विशेष अधिवेशन में मौजूद पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया। साथ ही पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है और पार्टी महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी ने निकालने का प्रस्ताव पास कर दिया है।

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