रायपुर: छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने नाबालिग बेटी से बलात्कार के जुर्म में 41 वर्षीय व्यक्ति को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। अदालत ने यह भी कहा है कि दोषी किसी तरह की नरमी का हकदार नहीं है। अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने मीडिया को बताया कि दुर्ग की फास्ट ट्रैक अदालत की विशेष न्यायाधीश सुभ्रा पचौरी ने पांच साल तक घर में 17 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार करने के जुर्म में व्यक्ति को शनिवार को दोषी ठहराया। अदालत ने दोषी पर 20,100 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि मामले की परिस्थितियों और मासूम नाबालिग लड़कियों के खिलाफ यौन अपराधों की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए, दोषी किसी भी तरह की नरमी बरते जाने का हकदार नहीं है। वह पीड़िता का पिता है। अभियोजन के मुताबिक, इस साल 30 जून को पीड़िता अपनी मां के साथ दुर्ग जिले के पुलगांव थाने गई और अपने पिता के खिलाफ 2014 से बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया। वर्मा ने बताया कि जब आरोपी ने अपनी छोटी बेटी (14) से बलात्कार किया तो दोनों बहनों ने इस बारे में अपनी मां को जानकारी दी।
इसके बाद उसकी दोनों बेटियों की शिकायत पर उसके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए। वर्मा ने कहा कि छोटी बेटी की ओर से दर्ज कराए गए मामले की सुनवाई अगले महीने होनी है।