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रायपुर: विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि जात-पात की व्यवस्था को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए। बुधवार को कांग्रेस भवन में मीरा कुमार ने कहा कि दु:ख इस बात का हो रहा है कि हम जात-पात की बेड़ियों में ही जकड़े रहेंगे। राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद के चुनाव को भी लोगों ने दलित बनाम दलित बना दिया है। उन्होंने कहा, "कोविंद जी और मैं राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हुए हैं, तो लोग हमारी जाति देख रहे हैं। हम कैसा सोचते हैं, हमारी विचारधारा क्या है, हममें क्या गुण हैं, शायद कोई नहीं सोचता।" देश के 17 प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मत्ति से निर्णय लेकर मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कृतज्ञता जाहिर करते हुए कहा, "मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया. कांग्रेस पार्टी विचारधारा के आधार पर एकजुट हुई है।" मीरा ने कहा कि हिन्दुस्तान की राजनीति की यह महत्वपूर्ण घटना है। पूर्व में विचारधारा के आधार पर चुनाव नहीं लड़े गए। सिद्धांत, विचारधारा, शाश्वत मूल्य हमारे पूर्वजों से विरासत में मिले हैं। भारत बहुधर्मी देश है।

उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि यहां उनका जन्म हुआ। हमें जन्मघुट्टी में पिलाया जाता है कि कैसे दूसरों के धर्मों को सम्मान दिया जाता है, लेकिन उस विचारधारा पर आघात किया जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, "आज दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ गए हैं। मैं इस चुनाव में खड़ी हूं केवल और केवल उनके हित में आवाज उठाने के लिए। इस संबंध में पत्र भी लिखकर देशभर में विनम्र अनुरोध भी किया गया है। आह्वान किया गया है मतदाताओं से कि देश के हित में आगे आएं और समर्थन दें।"

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